सबगुरु न्युज-भोपाल। केंद्रीय कर्मचारियों 7 वें वेतन आयोग के अनुरूप महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय शिक्षकों के नवीन वेतनमान हेतु भोपाल में सम्पन्न यूजीसी पे रिव्यू कमेटी की वर्कशॉप में रुकटा( राष्ट्रीय) के महामंत्री द्वारा राज्य में शिक्षा एवं शिक्षकों की समस्याओं एवं अपेक्षाओं को विस्तार से रखा गया ।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारीकमेटी के 6 टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआरएस) में से प्रत्येक पर विस्तृत तथ्य, सुझाव एवं पुनर्निवेश सम्मिलित करते हुए विस्तृत ज्ञापन तथा साथ में सपोर्टिंग डाक्यूमेंट्स प्रस्तुत किए गये। पे रिव्यू कमेटी के चेयरमेन प्रो. वी एस चैहान प्रत्येक टर्म ऑफ रेफरेंस से इस संबंध से संगठन की विस्तृत वार्ता हुई।
संगठन द्वारा कमेटी को यह जानकारी दी गई की पिछले यूजीसी वेतनमान की अनुशंसाओं को राज्य सरकार द्वारा पूर्णत: लागू नहीं किया गया है , महाविद्यालय शिक्षकों के पदनाम, पीएचड़ी के लाभ तथा पूर्व/अन्यत्र की गई सेवा को पेंशन /पदोन्नति के लिए जोड़ने वाले प्रावधानों को नहीं मानने से शिक्षकों को गंभीर अकादमिक एवं वित्तीय नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कमेटी को बताया कि सेवारत शिक्षकों को पीएचडी हेतू कोर्सवर्क से छूट देने, सवैतनिक अवकाश का प्रावधान करने, जनवरी से जून 2006 के मध्य वेतन वृद्धि वाले शिक्षकों को अन्य कर्मचारियों की भांति एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि देने जैसी समस्याओं के कारण होने वालीविसंगतियों की और कमेटी का ध्यान आकृष्ट किया गया ।
उन्होंने कमेटी से संगठन की ओर से पुरजोर आग्रह किया कि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय शिक्षकों के लिए 7 वें वेतन समीक्षा समिति द्वारा नवीन वेतन पैकेज पर विचार करते समय 6 वें वेतन समीक्षासमिति की सब विसंगतियों दूर किया जाना चाहिए। इन विसंगतियों की उपस्थिति में, शिक्षकों को भारी नुकसान होगा।
महामंत्री द्वारा राज्य में उच्च शिक्षा की धरातलीय वास्तविकताओं को प्रस्तुत करते हुए पदोन्नति हेतु एपीआई को समाप्त करने की मांग की गई तथा सम्पूर्ण सेवाकाल में कम से कम 4 सुनिश्चित करीयर प्रगति (assured career
वेतन का ढांचा और सेवानिवृत्ति लाभ सभी शिक्षकों के समान ही पुस्तकालयाध्यक्षों, एवं शारीरिक शिक्षा निदेशको को देने, पूर्व में अन्य संस्थान में की गई सेवा के अनुरूप पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने, परिवीक्षा काल में सेवा के पूर्ण लाभ देने जैसे विषयों को भी प्रमुखता से रखा गया । वेतन पैकेज इस तरह होना चाहिए, यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अध्यापन के पेशे में प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए केंद्रीय सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों की तुलना में प्रवेश बिंदु पर उच्च वेतन देने एवं अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सेवा गठन करने का सुझाव भी संगठन द्वारा दिया गया ।
शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षकों की नियमित भर्ती करने तथा 25% से अधिक रिक्तियाँ होने पर सरकार को अनुदान बंद करने तथा पात्रता वापस लेने जैसे कठोर कदम उठाने के सुझाव दिये गए। संगठन ने पे रिव्यू कमेटी से शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षक शिक्षार्थी अनुपात 1:25 से अधिक नहीं रखने तथा छात्र संघ चुनावों को बंद कर मनोनयन के आधार पर छात्र संघ गठन का मत रखा । कमेटी ने सभी मुद्दों पर गंभीरता पूर्वक विचार कर समुचित निर्णय लेने का मंतव्य प्रकट किया । वर्कशॉप में रुकटा( राष्ट्रीय) के महामंत्री डा नारायण लाल गुप्ता, सह संगठन मंत्री डा सुशील बिस्सू, उपाध्यक्ष डा सत्यनारायण शर्मा, डा शंकर लाल शर्मा ने भाग लिया ।