सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री आज से कलक्टर और एसपी काॅन्फ्रेंस लेने जा रही हैं। उन्होंने इस बात पर भी पाबंदी लगा दी है कि कोई भी कलक्टर और एसपी अपनी तारीफ के पुलिंदे नहीं बांधेगा। समस्या और उनके निवारण पर चर्चा करेगा। तो एक समस्या हम भी बता दें सरकार को। खासकर सिरोही के कुछ पुलिस अधिकारियों की, जिनके लिए थानों का काम करना महत्वपूर्ण नहीं उनका कायम रहना महत्वपूर्ण है।
यह जवाब जिले के तीसरी पादान पर काम करने वाले अधिकारी की है तो सोचा जा सकता है कि थानों के क्या हालात होंगे।
बात करीब तीन दिन पहले की है जिले के एक थाने में कोई सही से जवाब देने वाला नहीं था। पीडित ने पूछा कि थानाधिकारी साहब कहां है तो जवाब मिला छुट्टी पर। द्वितीय अधिकारी को फोन नम्बर लेकर उनसे बात की तो उनका जवाब मिला कि वह हैं तो ड्यूटी पर, लेकिन अभी आंशिक छुट्टी पर आए हैं। उन्होंने अपने अगले मातहत का नम्बर दिया। वो भी नदारद ही मिले। इस पर जब जिले के तीसरे पादान के अधिकारी से यह समस्या बताई तो उनका कहना था कि अधिकारी नहीं है तो क्या हुआ थाना तो कायम है, वहीं बात करो मै कुछ नहीं कर सकता। यह हालात हैं जिले में पुलिस के। ऐसे में कैसे बेहतर पुलिसिंग की अपेक्षा की जा सकती है यह खुद मुख्यमंत्री समझ सकती हैं। वैसे इसमें कोई शक नहीं कि जिले में ऐसे आला अफसर भी हैं जिनकी पब्लिक डीलिंग और कार्यप्रणाली दोनों ही बेहतरीन हैं, लेकिन पूरे जिले की समस्याओं को संभाले इन आला अधिकारियों को हर छोटी समस्या के लिए इन तक जाना भी उचित नही होता।
चोरों की पैरोकारी भी
मामला 1 जनवरी का हैं। वो भी पर्यटन स्थल माउण्ट आबू का। पर्यटकों की भीड के साथ वहां जेबकतरों की भी भीड बढी। एमके चैराहे पर एक जनवरी की सुबह एक जेबकतरे को एक पर्यटक ने मोबाइल फोन चुराते पकडा। उस क्षेत्र में तैनात दो कांस्टेबल उन्हें थाने ले गए। जब तक पीडित थाने पहुंचे तब तक पुलिस बिना परिवादी के पहुंचे हुए उन जेबकतरों को छोड चुकी थी। जबकि वह फरियादी के साथ के एक व्यक्ति का मोबाइल पार कर चुका था। इस पर भी पुलिस का रवैया ये कि वह मोबाइल की चोरी का नहीं सिर्फ गुमशुदगी का ही मामला दर्ज करने पर अडी थी।