नई दिल्ली। गुरुग्राम के रयान इंरनेशनल स्कूल के मासूम छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की सनसनीखेज हत्या की जांच के दौरान सितंबर के मध्य में हरियाणा पुलिस की एक टीम मुंबई पहुंची थी, मगर ट्रस्टी पिंटो परिवार ने गलत पता बताकर पुलिस को चकमा दे दिया।
पुलिस की टीम को जो पता बताया गया था, उस पर ट्रस्ट के सदस्य अगस्टाइन पिंटो, उनकी पत्नी ग्रेस पिंटो और उनके बेटे रयान पिंटो में से कोई नहीं मिल पाया था, न तो उनके पूर्व कांदिवली स्थित सेंट जेवियर्स एज्यूएशल ट्रस्ट के मुख्यालय पर और न ही परिवार के आवासीय पते पर।
तब से, ट्रस्टी एक के बाद एक अदालत, बॉम्बे हाईकोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, उच्चतम न्यायालय, और अब गुरुग्राम में सीबीआई के विशेष न्यायालय में में जाकर संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत मांग रहे हैं।
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि न्यायालयों में उनके दिए गए हलफनामों में सभी आवासीय पतों पर उनसे मिलने और प्रश्न करने के हमारे द्वारा किए गए सभी प्रयास व्यर्थ साबित हुए। ट्रस्ट और स्कूल प्रशासनिक स्टाफ ने दावा किया था कि उन्हें पिंटो परिवार और ट्रस्टियों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उनका पता लगाया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों और स्वतंत्र जांच से पता चला है कि पिंटो परिवार बांद्रा पश्चिम में अंबेडकर रोड के नजदीक एक प्रमुख आवासीय टॉवर के पॉश डुप्लेक्स अपार्टमेंट में रहता है, जो बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के घर के पास है।
इस इमारत में कई अन्य बॉलीवुड हस्तियों और रेयान इंटरनेशनल स्कूल के ट्रस्टियों से मिलने की मांग करने वाले सभी आगंतुकों को भी सुरक्षा में लगे गार्डो द्वारा ठहराया जाता है।
लॉ चार्टर्ड फर्म के प्रमुख वकील विनोद तिवारी ने कहा कि कानून के मुताबिक किसी भी शपथपत्र में गलत पता या फिर झूठा साक्ष्य प्रदान करने वाले किसी भी शख्स को गड़बड़ी के मामले में गंभीर कार्रवाई भुगतनी पड़ सकती है, क्योंकि यह न्याय के रास्ते पर रोक लगाता है।
तिवारी ने बताया कि यह शक्तिशाली व्यक्तियों और वकील द्वारा कानून का बड़ा मजाक बनाने जैसा है, अदालत के एक अधिकारी के रूप में, जिसने पुष्टि की है कि संबंधित व्यक्ति/पिंटो परिवार दिए गए पते पर रह रहे हैं, उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि तिवारी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह-संयोजक और कानूनी एवं विधान प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष हैं और महाराष्ट्र के साथ-साथ नई दिल्ली में प्रैक्टिस कर चुके हैं।
सच तो यह है कि पिंटो परिवार द्वारा दिए गए बोरीवली के पूर्व पते पर लगभग दो दशकों से कोई भी नहीं रह रहा है। वे लोग विभिन्न अदालतों में हलफनामा दाखिल किए जाने और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय में पेश किए थे।
हरियाणा सरकार ने प्रद्युम्न की हत्या के मामले को राष्ट्रव्यापी हंगामे के बाद जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया। सीबीआई की जांच जारी है, जबकि रेयान के भोंडसी स्कूल के प्रबंधन की जिम्मेदारी स्थानीन प्रशासन ने अपने हाथ में लिया है।