गुरुग्राम। गुरुग्राम स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थी प्रद्युम्न ठाकुर हत्या मामले में हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार तीन आरोपियों को एक जिला अदालत ने शनिवार को सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया।
सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम आरोपियों की हिरासत के लिए स्थानीय अदालत गई थी, जिसके बाद अदालत ने रायन स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को एक दिन की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया।
इस मामले में गिरफ्तार रायन स्कूल के उत्तर भारत प्रमुख फ्रांसिस थॉमस और एचआर प्रमुख जेयुस थॉमस भी 25 सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे।
अशोक कुमार को हत्या के लिए और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पोक्सो) के तहत और रायन के अधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि गुरुग्राम स्थित रायन स्कूल में कथित हत्या मामले में हमारे आग्रह पर अदालत ने शनिवार को तीनों गिरफ्तार आरोपियों को हमारे हिरासत में भेज दिया। इन लोगों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने यह मामला शुक्रवार को अपने हाथ में लिया था और केंद्र सरकार के आदेश के बाद तीनों पर एफआईआर दर्ज किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 15 सितम्बर को प्रद्युम्न हत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी।
प्रद्युम्न आठ सितम्बर को स्कूल के शौचालय में मृत पाया गया था। उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम शनिवार को फोरेंसिक सबूत जमा करने के लिए भोंड़सी स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल पहुंची थी।
सीबीआई ने इस मामले में कुछ शिक्षकों, माली हरपाल और अन्य बस ड्राइवर सौरव राघव से भी पूछताछ की।
पुलिस का आरोप है कि स्कूल बस कंडक्टर अशोक कुमार (42) ने चाकू से प्रद्युम्न का गला काटा था। अशोक बच्चे के साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहा था, जिसका वह विरोध कर रहा था। इस संबंध में अशोक की गिरफ्तारी हो चुकी है।
अशोक के पिता और स्कूल के कुछ कर्मियों ने कहा है कि अशोक को इस मामले में बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
हरियाणा पुलिस इस मामले में स्कूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रायन पिंटो और निदेशक अगस्टाइन पिंटो से भी पूछताछ करना चाहती है। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पूरे देश में स्कूलों की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर सवाल उठे और देश भर में कई रायन स्कूलों के बाहर अभिभावकों ने प्रदर्शन किए।
वहीं पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को रायन के न्यासियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इस मामले की सुनवाई अब 25 सितंबर को होगी।