पणजी। अपनी मलयालम फिल्म ‘एस दुर्गा’ को 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में प्रदर्शित कराने की जंग लड़ रहे सनल कुमार शशिधरन सीबीएफसी द्वारा फिल्म के नए शीर्षक से संबंधित मुद्दा उठाए जाने पर इस जंग में हार गए।
फिल्म ‘एस दुर्गा’ विवाद में एक नया मोड़ आया है। इफ्फी के निदेशक सुनीत टंडन ने कहा कि फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित नहीं हो सकी, जिसका मंगलवार को समापन हो गया।
टंडन ने शशिधरन को लिखे पत्र में कहा है कि जूरी द्वारा फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद फिल्म के शीर्षक के संबंध में प्रमाणीकरण से संबंधित कुछ मुद्दे उठाए गए थे। यह स्पष्टीकरण के लिए सीबीएफसी के पास भेजा गया। सीबीएफसी के आदेश के नतीजे के रूप में इस मुद्दे का समाधान होने तक फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकती।
इस फिल्म को एक अन्य फिल्म ‘न्यूड’ के साथ इफ्फी में नहीं दिखाने का फैसला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लिया था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ।
शशिधरन ने न्याय पाने के लिए पिछले हफ्ते केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने जूरी के लिए फिल्म का सेंसर किया हुआ संस्करण प्रदर्शित किए जाने के बाद इफ्फी को महोत्सव में फिल्म की स्क्रीनिंग करने के आदेश दिए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जूरी ने सोमवार रात को फिल्म की स्क्रीनिंग के पक्ष में 7-4 से वोट दिए। सीबीएफसी ने अब कहा है कि फिल्म के शीर्षक में बदलाव कर ‘सेक्सी दुर्गा’ से ‘एस दुर्गा करने’ और इसके बाद ‘एस (फिर तीन हैशटैग के चिन्ह) दुर्गा’ किए जाने में समस्या है और सोमवार को इसे देखने वाली इंडियन पैनोरमा जूरी के सदस्यों ने शीर्षक में बदलाव को लेकर आपत्ति की है।
फिल्म को नहीं दिखाए जाने के खिलाफ शशिधरन और फिल्म में भूमिका निभाने वाले कनन नायर ने इफ्फी स्क्रीनिंग के स्थल के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया।