उदयपुर। सावन का महीना पांच सोमवार की सौगात के साथ शुरू हुआ। सुबह-सुबह शिव मंदिरों में बम-भोले के जैकारों की गूंज सुनाई दी तो घरों में व्रत-कथा का दौर चला। विभिन्न मंदिरों में शाम को भजन कीर्तन के दौर शुरू हो गए जो पूरे महीने चलेंगे। इस बार 20 साल बाद पांच सावन सोमवार आने का शुभ संयोग बना है।
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का महत्व माना जाता है। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से सावन के महीने में व्रत रखती हैं तो कई शिव भक्त भी अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए व्रत-उपवास करते हैं।
सावन के महीने के साथ ही मेलों का दौर भी शुरू हो जाता है। उदयपुर में सावन के हर सोमवार को परम्परागत रूप से सुखिया सोमवार का मेला गुलबाबाग में जुड़ता है तो हरियाली अमावस्या पर दो दिन मेले की रेलमपेल रहती है। यह मेला प्रसिद्ध फतहसागर की पाल पर भरता है।