जयपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अजमेर के जेएलएन अस्पताल के चिकित्सकों की लापरवाही से 5 मासूम बच्चों के मारे जाने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सरकार से उक्त घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पायलट ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि शनिवार रात में 5 नवजात शिशुओं को भीलवाड़ा, ब्यावर व पाली से उल्टी, दस्त व बुखार की शिकायत पर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां वरिष्ठ डॉक्टरों की अनुपस्थिति में घोर लापरवाही बरती गई जिसके परिणामस्वरूप संक्रमण के कारण बच्चों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि जेएलएन हॉस्पिटल अजमेर संभाग का सबसे बड़ा रैफरल अस्पताल है, इस अस्पताल में संभाग भर से मरीज आते हैं इसके बावजूद जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सकों को हमेशा अस्पताल में उपस्थित रहना चाहिए, परन्तु घोर लापरवाही बरतने कारण एक साथ 5 बच्चे मारे गए।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि बच्चों की मौत पर राज्य सरकार के मंत्री चिकित्सकों को बचाने के उद्देश्य से उन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं और बच्चों की मौत के लिए उनके कम वजन और समय पूर्व प्रसव जैसे कारण बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जामडोली स्थित विमंदित गृह के बच्चों की मौत पर भी इसी प्रकार की लीपा-पोती करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे साबित हो गया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार घोर लापरवाही के प्रकरणों में भी अपनी जवाबदेही सुनिश्चित नहीं करना चाहती है।
उन्होंने बच्चों के मौत के इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के साथ ही लापरवाही बरतने वाले जेएलएन अस्पताल के चिकित्सकों व प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्यवाही मांग की है।