जयपुर। शहरी निकाय चुनावों में करारी पराजय के बाद अब प्रदेश कांग्रेस में सचिन पायलट के नेतृत्व को चुनौती देने की जुगत चल पड़ी है।
बताया जाता है कि एक वरिष्ठ नेता के समर्थकों ने लगातार हो रही चुनावी परायज के लिए सीधे सचिन पायटलट के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराने की रणनीति बनाई है।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि चुनावी समीक्षा के लिए प्रस्तावित बैठक में केन्द्रीय पदाधिकारियों के समक्ष अपनी बात कही जाएगी। साथ ही विरोध की चिंगारी दिल्ली तक पहुंचाई जाएगी।
विरोधी गुट के जानकारों का तर्क है कि प्रदेश नेतृत्व निकाय चुनावों मेें सरकार के खिलाफ कोई ठोस मुद्दा नहीं बना पाया। निकाय चुनावों में ललितगेट प्रकरण को मुद्दा बना कर वोट लेने की गलती की गई।
यह भी कहा जा रहा है कि जब चुनाव माथे पर थे, तब प्रदेश नेता दिल्ली में ललितगेट मामला उठाने में व्यस्त थे।
जानकारों का कहना है कि सचिन प्रदेश के मतदाताओं पर अपना प्रभाव ड़ालने में सफल नहीं हुए। यही वजह की पार्टी लगातार हार रही है। यहां तक कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र अजमेर में भी छाप नहीं छोड़ पाए।
जानकारों का मानना है कि विधानसभा उप चुनावों के बाद कार्यकर्ता सक्रिय हुए थे। लेकिन लगातार पराजय से अब कार्यकर्ता का मोह भंग होगा।