जयपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने गौरक्षा के नाम पर देशभर में हिंसा फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने समय रहते ऐसे तत्त्वों पर अंकुश लगाया होता तो तथा कथित गौरक्षकों द्वारा फैलायी जा रही अराजकता को रोका जा सकता था।
पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री को भाजपा से जुड़े हुए संगठनों को जो गौ-रक्षा के नाम पर हिंसा फैलाते हैं और कानून-व्यवस्था को हाथ में लेते है, के प्रति समय रहते कठोर कार्यवाही करने के निर्देश देने चाहिए थे ताकि समाज में फैली अराजकता रोकी जाती।
उन्होंने कहा कि सिर्फ बयान देने से ऐसे असामाजिक तत्त्वों पर अंकुश नहीं लगेगा बल्कि प्रधानमंत्री के स्तर पर गृह मंत्री व भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ऐसे अराजक तत्त्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश देने चाहिए। उन्हें इन मुद्दों पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनानी चाहिए ताकि देश में सोची-समझी साजिश के तहत फैलायी जा रही अराजकता पर अंकुश लगाया जा सके।
पायलट ने यह भी कहा कि बड़ी विड़म्बना है कि राजस्थान प्रदेश की राजधानी की सबसे बड़ी हिंगोनिया गौशाला में निरन्तर जारी गायों के मरने के सिलसिले को केन्द्र के स्तर पर संज्ञान में नहीं लिया गया जबकि सच्चाई यह है कि जुलाई माह में हिंगोनिया गौशाला में लगभग 1100 गायें मारी गई तथा 1 अगस्त से 4 अगस्त के बीच में 300 गायों ने दम तोड़ दिया।
यह हृदयविदारक घटना प्रदेश की भाजपा सरकार की अनदेखी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि मंदिर और गौमाता हमेशा से ही भाजपा के लिए आस्था से ज्यादा सियासत का केन्द्र रही है। इसके बावजूद हजारों की संख्या में हुई गायों की मौत के लिए कोई जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जा रही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को हिंगोनिया गौशाला में मर रही गायों की स्थिति को भी संज्ञान में लेकर इन मौतों के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए।