जयपुर/अजमेर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने केन्द्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार पर पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की अजमेर शहर को स्लम फ्री बनाने की कार्ययोजना को ठंडे बस्ते में डाल देने का आरोप लगाया हैं।…
पायलट ने अपने बयान में शनिवार को कहा कि सरकार ने इस कार्ययोजना पर अपनी बेरूखी के कारण इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया हैं। उन्होंने सरकार की बेरूखी की निंदा करते हुए कहा कि इस कार्ययोजना के लिए डीपीआर को भी स्वीकृति मिल चुकी है तथा दो बार निविदा भी हो चुकी है लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस प्रक्रि या को अंजाम तक पहुचाने के स्थान पर द्वेषतावश भाजपा सरकार ने टेंडर निरस्त कर दिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार जहां धार्मिक नगरी अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का ख्वाब दिखा रही हैं वहीं पूर्ववर्ती शासन के द्वारा उठाए गए स्लम फ्री सिटी जैसे महत्वाकांक्षी कदम को रोका गया है। उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि भाजपा सिर्फ सपने दिखाने में विश्वास करती है तथा ठोस धरातल पर कार्य करने की उसकी कोई मंशा नजर नहीं आ रही।
उन्होंने कहा कि शहरों के सुनियोजित विकास के लिए आवश्यक है कि सबसे पहले कच्ची बस्तियों का नियोजित पुनर्वास किया जाए। लेकिन भाजपा की गरीबों के उत्थान एवं विकास में कोई रूचि नहीं है। पायलट ने बताया कि 2010 एवं 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के किसी एक शहर को स्लम फ्री बनाने की योजना को प्रस्तावित किया था।
इसके तहत उन्होंने अजमेर के सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री रहते हुए अजमेर को देश की पहली स्लम फ्री सिटी बनाने के लिए इस योजना में चयनित कराया था। जिसके तहत शहर की समस्त चिह्नित कच्ची बस्तियों के विकास के लिए 2925 करोड़ रूपए की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई थी।