नई दिल्ली। “भारत रत्न” से नवाजे जा चुके महान क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि चैपल ने तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली और कई सीनियर खिलाडियों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया।…
सचिन ने अपनी जीवनी-प्लेइंग इट माई वे में लिखा है कि किस तरह सीनियर खिलाड़ी चैपल के जाने से खुश थे क्योंकि उन्होंने कप्तान गांगुली और उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया था। टीम के किसी भी सदस्य को चैपल के बर्खास्तगी को लेकर निराशा नहीं थी।
सचिन ने लिखा है कि चैपल ने कई बार कहा है कि उन्हें गांगुली के कारण ही भारतीय टीम का कोच पद मिला था लेकिन सिर्फ इसीलिए वह ताउम्र गांगुली का समर्थन नहीं कर सकते। मैं तो इतना कहना चाहता हूं कि गांगुली देश के सबसे अच्छे क्रिकेट खिलाडियों में एक हैं और उन्हें भारतीय टीम में बने रहने के लिए चैपल के समर्थन या सहयोग की जरूरत नहीं थी।
सचिन ने यह भी आरोप लगाया कि चैपल टीम के कई सीनियर खिलाडियों को बाहर करना चाहते थे। सचिन के मुताबिक चैपल भारतीयी टीम की एकता को छिन्न-भिन्न कर देना चाहते थे।
बकौल सचिन, चैपल के इरादे अच्छे नहीं थे। वह भारतीय टीम की एकता को तोड़ना चाहते थे। वह कई सीनियर खिलाडियों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते थे। कई मौकों पर तो उन्होंने वीवीएस लक्ष्मण को पारी की शुरूआत करने को कहा। लक्ष्मण ने शालीनता से इस बात को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह मध्य क्रम में ही ठीक हैं।
बाद में मैंने पाया कि चैपल ने इस बारे में बीसीसीआई से बात की थी। जाहिर तौर पर यह बातचीत टीम को नई ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में थी लेकिन इसका दूसरा मकसद टीम से सीनियर खिलाडियों को निकालना था। आस्टे्रलिया के पूर्व कप्तान चैपल 2007 से 2009 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे। सचिन की जीवनी 6 नवम्बर को प्रकाशित हो रही है।