जयपुर। केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भारत माता की जय नहीं बोलने वालों को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि देवबंद भारत माता की जय न बोलने के लिए तो फतवा जारी करता है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ नहीं। यदि आतंकवाद के खिलाफ भी फतवा जारी करता तो मैं उसका स्वागत करती।
साध्वी रविवार को अखिल भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान की ओर से जनांकिक राष्ट्र का भाग्य विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज तो मरने के बाद लकड़ियों के माध्यम से भस्मीभूत कर दिया जाता है। लेकिन यह मातृभूमि तो तुम्हें मरने के बाद जगह देती है अपनी कोख में रखती है।
साध्वी ने कहा कि देश की सभ्यता, संस्कृति और समाज को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। देश में आजादी से पहले जैसे स्थितियां दिखाई दे रही हैं। हम व्यवहारिक दृष्टि से आजाद है लेकिन मानसिक तौर पर गुलाम है। हम बाहरी आक्रांताओं से हम संघर्ष करते है लेकिन देश के अंदर उठने वाले विरोध के स्वर आत्मा हो झकझोर देते है।
उन्होंने कहा कि मेरे मुंह से एक शब्द धोखे से निकल गया तो एक महिने तक लोकसभा नहीं चलने दी। लेकिन जेएनयू में देश विरोधी नारे लगे तो सत्ता के नुमाइंदे उनका समर्थन करने पहुंच गए। उन्होंने जनसंख्या नीति की वकालात करते हुए कहा कि देश में दो बच्चों से ज्यादा पैदा होने पर उन्हें सभी सरकारी सुविधाएं समाप्त होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि छुआछूत हमारे देश का नहीं है, हमारे यहां हमेशा से समरसता रही है। भगवान श्रीराम निषादराज के यहां गए, शबरी की कुटिया में झूठे बैर खाते हैं। इससे बड़ा समरसता का उदाहरण और क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आजादी के बाद भी देश में बड़ा काम किया है। जिन दूर दराज के इलाकों में सरकार नहीं पहुंच पाई वहां संघ ने एकल विद्यालयों के जरिए शिक्षा पहुंचाई है। संघ ने देश तोड़ने का नहीं बल्कि देश को जोड़ने का काम करता है।