लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि भीम आर्मी का बसपा से कोई लेना देना नहीं है। योगी सरकार इस सेना को बसपा से जोड़कर सहारनपुर की जातिवादी घटनाओं को लेकर अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है।
मायावती ने कहा कि भीम आर्मी को बसपा के साथ जोड़ने की भाजपा सरकार की साजिश निंदनीय है। सहारनपुर दौरे के दौरान यह भी शिकायत मिली थी कि भीम आर्मी के लोग अपने आपको बसपा का शुभचिंतक बताकर बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर जयंती आदि के अवसर पर लोगों से धन वसूला करते थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार से भी इस सेना के लोग अब तक मिलने नहीं आए हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों का आरोप है कि ‘भीम आर्मी’ भाजपा के संरक्षण में पलने वाला संगठन है। भाजपा इस संगठन का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। इसीलिए इसके नेताओं पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है।
बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की जयंती आदि मनाने के नाम पर देशभर में कई संगठन हैं, जो लोगों से चंदा वसूल कर अपना कार्यक्रम आयोजित करते हैं। खासकर सहारनपुर के संबंध में वहां के लोगों की शिकायत थी कि भीम आर्मी बसपा के नाम का दुरुपयोग करती है।
उन्होंने कहा कि बसपा सहारनपुर की जातीय हिंसा के लगातार जारी रहने से काफी चिंतित है और चाहती है कि एक अनुशासित व कैडर आधारित पार्टी के रूप में सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति व सिद्धांत पर चलते हुए सर्वसमाज में भाईचारे के आधार पर समाज में शांति, सद्भाव व सौहार्द का वातावरण बनाने का जो अनवरत प्रयास करती रही है, वह किसी भी दशा में बिगड़ने नहीं देना चाहिए। साथ ही उन्होंने लोगों से इस तरह के संगठनों से सावधान रहने की अपील की है।