लखनऊ। सहारनपुर में जातीय हिंसा के फिर से भड़कने पर शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए सहारनपुर के जिलाधिकारी एन.पी. सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एससी दुबे, उप जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी को निलंबित कर दिया है। इस बीच, हिंसा के मामले में 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है।
मंगलवार को बसपा मुखिया मायावती के सहारनपुर के शब्बीरपुर के दौरे के बाद बडगांव क्षेत्र में दोबारा जातीय हिंसा भड़क गई जो धीरे-धीरे कई गांवों तक पहुंच गई। प्रशासन ने हालात के नियंत्रण में होने का दावा किया है लेकिन इलाके में बुधवार को भी स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। वहां की हिंसा के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित है।
सहारनपुर में फिर हिंसा भड़कने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी को तलब कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
प्रदेश के सभी डीएम, एसएसपी को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि जातीय रैलियों, धरना प्रदर्शन और आंदोलन की किसी भी कीमत पर इजाजत नहीं दी जाए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में तैनात अधिकारियों को सड़कों पर गश्त करने और अतिरिक्त सुरक्षा बरतने का निर्देश दिया गया है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि सचिव (गृह) मणि प्रसाद मिश्र, एडीजी (कानून व्यवस्था) आदित्य मिश्र, आइजी एसटीएफ अमिताभ यश, डीआइजी सुरक्षा विजय भूषण इलाके में हालात को नियंत्रित करने में लगे हुए हैं। मेरठ जोन के एडीजी कैम्प कर रहे हैं। पीएसी और आरएएफ की टुकडियां डेरा डाले हैं।
वहीं सचिव गृह के नेतृत्व में भेजा गया अधिकारियों का दल हिंसा नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने के साथ ही हिंसा के लिए जिम्मेदारी भी तय कर रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक विजय सिंह मीणा ने बताया कि सहारनपुर में हुई हिंसा में अब तक 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। स्थिति को समान्य करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
पुलिस महानिरीक्षक (लोक शिकायत) विजय सिंह मीणा ने कहा कि सहारनपुर हिंसा मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दावा किया कि जिले में स्थिति नियंत्रण में है। बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है।