नई दिल्ली। हिट एंड रन मामले में अभिनेता सलमान खान के बरी किए जाने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को मामले की सुनवाई कर रही संबंधित पीठ को संपर्क करने को कहा है।
परमानंद कटारा नामक एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट को दायर याचिका में बताया कि बॉम्बे हाई कोर्ट को अभिनेता सलमान खान को बरी नहीं करना चाहिए था क्योंकि उनकी अपील को पहले निचली अदालत में सुना जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि चूंकि हिट एंड रन मामले में निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी। इसलिए उनकी अपील को पुनर्विचार के लिए निचली अदालत में ही लाना चाहिए था न कि सीधे हाई कोर्ट में जो कि सात साल से ज्यादा की सजा पर ही पुनर्विचार कर सकती है।
वकील ने कहा कि सीआरपीसी के सेक्शन 374 के मुताबिक ट्रायल कोर्ट से मिली सात साल से कम की सजा पर हाईकोर्ट में अपील नहीं की जा सकती। जानकारी हो कि 2002 में मुंबई के बांद्रा में ड्रंक एंड ड्राइव करते हुए 5 लोगों को घायल करने व एक व्यक्ति की मौत के आरोप में निचली अदालत ने सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई थी।
दिसंबर 2015 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सलमान खान को हिट एंड रन मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दूसरा पक्ष इस बात को साबित करने में नाकाम रहा कि सलमान शराब पिए हुए थे और दुर्घटना के वक्त वे ही गाड़ी चला रहे थे।