जोधपुर। फिल्म अभिनेता सलमान खान के बहुचर्चित हिरण शिकार प्रकरण के आम्र्स एक्ट मामलें में मंगलवार को अदालत ने अभियोजन पक्ष प्रार्थना पत्रों को आंशिक रूप से मंजूरी देते हुए 10 मार्च को अंतिम अवसर प्रदान किया है।
जोधपुर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुपमा बिजलानी ने अभियोजन पक्ष के वर्ष 2006 के प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई कर उन्हें आंशिक रूप से स्वीकृति दी है। इन आवेदनों में अभियोजन पक्ष ने 24 और गवाह पेश करने की मंजूरी मांगी थी लेकिन अदालत ने चार गवाहों को बुलाने की मंजूरी दी है तथा तीन एफएसएल रिपोर्टो के संबंध में मालखाने का रजिस्ट्रर न्यायालय में पेश करने की मंजूरी प्रदान की है।
न्यायाधीश ने इस मामलें की अगली तारीख 10 मार्च देते हुए अभियोजन पक्ष को अंतिम मौका दिया है। इस दिन गवाह एवं साक्ष्य लाने में अभियोजन पक्ष विफल रहता है तो मामला निर्णय के लिए रखा जाएगा। अभियोजन पक्ष ने वर्ष 2006 में चार प्रार्थना पत्र पेश कर इन गवाहों एवं कुछ साक्ष्य प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी लेकिन मामला उच्च न्यायालय में ले जाने के कारण पत्रावली वहां भेज दी गई थी और यह आवेदन बिना सुने ही रह गए थे।
न्यायालय ने 25 फरवरी को फैसले के लिए रखने पर अभियोजन पक्ष ने निर्णय से पहले इन आवेदनों को सुनने की गुहार लगाई थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1998 में फिल्म हम साथ साथ है की शूटिंग के दौरान जोधपुर जिले के कांकाणी गांव की सरहद में दो काले हिरणों के शिकार के इस्तेमाल हथियार की लाईसेंस अवधि समाप्त होने के कारण सलमान के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत अलग से मामला दर्ज किया गया।