लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के साथ ही योगी सरकार ने समाजवादी के नाम से चल रही सरकारी योजनाओं के नाम बदलने का निर्णय लिया है। अब इन योजनाओं से समाजवादी शब्द को हटाकर मुख्यमंत्री जोड़ा जा रहा है।
लेकिन, समाजवाद के जनक कहे जाने वाले राम मनोहर लोहिया के नाम से चल रही सरकारी योजनाओं पर सरकार चुप्पी साधे हैं। इसी तरह सपा के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र एवं रामशरण दास के नाम से चल रही योजनाओं पर भी सरकार असमंजस में है।
पूर्ववर्ती सपा सरकार ने समाजवादी के नाम से करीब दर्जन भर योजनाएं आरंभ की थीं। इनमें सबसे चर्चित समाजवादी एंबुलेंस योजना रही। इसमें एंबुलेंस पूरे प्रदेश में मरीजों के लिए सहायक बनती थीं। विपक्षी दलों की शिकायत पर चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने इन एंबुलेंस पर समाजवादी शब्द ढक दिया था।
इसी तरह समाजवादी के नाम से पेंशन योजना, आवास योजना, नमक योजना, श्रवण यात्रा, पूर्वाचल एक्सप्रेस वे, स्मार्ट फोन योजना, किसान पेंशन योजना सहित कई योजनाएं चल रही थीं।
लेकिन, आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का ओहदा संभालने के कुछ ही दिन बाद सपा सरकार की समाजवादी शब्द से जुड़ी योजनाओं से समाजवादी को हटाने का निर्देश दिया। सूत्रों की माने तो इन योजनाओं में अब समाजवादी की जगह मुख्यमंत्री जोड़ा जाएगा। इसे लेकर सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि योगी सरकार को समाजवादी शब्द से एलर्जी है जबकि देश के संविधान में समाजवाद शब्द का उल्लेख है।
अब सत्ता के गलियारे में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या योगी सरकार प्रखर समाजवादी राम मनोहर लोहिया, जनेश्वर मिश्र एवं राम शरण दास के नाम से जुड़ी योजनाओं के भी नाम बदलेगी। राम मनोहर लोहिया के नाम से ग्रामीण आवास योजना, विकास योजना, बस सेवा, राजकीय नलकूप निर्माण योजना, नलकूप आधुनिकीकरण, पुनर्निर्माण योजना शामिल है।
इसी तरह छोटे लोहिया कहे जाने वाले जनेश्वर मिश्र के नाम से भी ग्राम विकास योजना चल रही है। सपा के वरिष्ठ नेता रहे रामशरण दास के नाम से सड़क योजना संचालित हो रही है।
सवाल यह है कि योगी सरकार लोहिया एवं छोटे लोहिया के नाम से चल रही योजनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। इससे संकेत मिल रहा है कि सरकार समाजवादी महापुरुषों के नाम से चल रही योजनाओं के नाम नहीं बदलेगी।