लखनऊ। समाजवार्दी पार्टी में अनुशासनहीनता की बढ़ती प्रवृत्ति ने पार्टी नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। कई बाद नेताओं को निकाला गया और उन्हें पार्टी में फिर से जगह भी दी गई। इस स्थिति को पार्टी के हित में नहीं माना जा रहा है।
ऐसे में बेटे अखिलेश के कार्य में सहयोग देने के लिए सपा मुखिया ने डैमेज कंट्रोल की इस स्थिति से निपटने के लिए खुद ही कमान संभाल ली है। शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनकी खरी-खरी सुनी। उनके संशय को दूर करने के लिए खरी-खरी सुनाने में कोई कोर-कसर भी नहीं छोड़ी।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश उत्तम प्रदेश कार्यालय पर दिन के तकरीबन 11 बजे कार्यकर्ताओं से बातचीत करने पहुंचे। बाकायदा सुरक्षा व्यवस्था के बीच संगठन की चौपाल लग गई। इसके बाद कार्यकर्ताओं से एक-एक कर अपनी बातें कहने का मौका मिलने लगा।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाना शुरू किया। गौर से इनकी बातों को सुन रहे यादव ने उनके मन की निकल रही भड़ास को वास्तविकता के धरातल पर तौलने के बाद उन्हें पाॅजिटिव टिप्स भी दिए। गांवों की विकास की बातें सुन आह्लादित होते रहे तो ठेका कराने वालों की शिकायतें सुन गंभीर भी हुए।
आपसी गुटबाजी की शिकायतों को भी सुना और कार्यकर्ताओं से इनके कारण जानने का प्रयास भी किया। बरेली से आए कार्यकर्ता द्वारा आशीर्वाद मांगने पर उसे लिखकर देने को कहा तो मीरजापुर के कार्यकर्ता से देर तक बतियाते रहे। उसके द्वारा कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलते रहने की गुहार को गंभीरता से लिया और कहा कि जब कोई कार्यकर्ताओं का असम्मान करे तो मुझे बताओ।
बनारस के गोपाल पांडेय द्वारा अधिकारियों के बेलगाम होने की शिकायत को दर्ज किया। क्षेत्र के विधायकों की शिकायतें भी दर्ज कराया। कुल मिलाकर नेताजी कार्यकर्ताओं के संशय को शांत करने में जुटे रहे। उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाते रहे और मिशन 2017 को फतह करने में अभी जुट जाने का सबक पढ़ाते रहे।
सिक्योरिटी ने कार्यकर्ता को पीटा
नेताजी की सुरक्षा में लगी सिक्योरिटी ने एक कार्यकर्ता को जमकर पीटा। कार्यकर्ता ने वेरिकेटिंग पार कर सिंह का पैर छू लिया था। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और यादव के पीछे ले जाकर धुनाई कर दी।