लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक बाजपेयी ने बुधवार को पार्टी और राज्य विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) पद से इस्तीफा दे दिया।
बाजपेयी के इस्तीफे के बाद सपा से इस्तीफा देने वाले एमएलसी की संख्या अब चार हो गई है। सपा के वरिष्ठ नेता अशोक बाजपेयी बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे विधान परिषद पहुंचे, जहां उन्होंने सभापति रमेश यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
बाजपेयी ने कहा कि वह सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की उपेक्षा से नाराज हैं। सपा में सभी वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा हो रही है। नेताजी मुलायमसिंह यादव की उपेक्षा की वजह से मैं बहुत ही आहत हुआ हूं और इसी वजह से पार्टी पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में इस तरह की आंतरिक कलह नहीं होती तो विधानसभा चुनाव में इस तरह की करारी हार का सामना नहीं करना पड़ता। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर बाजपेयी ने कहाकि अभी अपने लोगों के बीच बैठकर विचार-विमर्श करूंगा, फिर निर्णय लिया जाएगा।
अशोक बाजपेयी कई बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे चुके हैं। वह सपा के महासचिव भी रहे।वह करीब 40 साल से सक्रिय राजनीति में हैं और हरदोई की पिनाही विधानसभा सीट से छह बार विधायक चुने जा चुके हैं। इससे पहले सपा के तीन और एमएलसी बुक्कल नवाब, सरोजनी अग्रवाल और यशवंतसिंह ने पार्टी और एमएलसी पदों से इस्तीफा दे दिया था।