नई दिल्ली/लखनऊ। समाजवादी पार्टी में हुई तख्ता पलट की लड़ाई के बाद मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को नई दिल्ली में चुनाव आयोग पहुंचकर हलफनामा दिया।
मुलायम ने पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए दावा किया। उनके साथ शिवपाल यादव और अमर सिंह भी मौजूद थे।
वहीं चुनाव आयोग के दफ्तर में रामगोपाल गुट ने मुलायम को अपनी तरफ के दस्तावेज देने की कोशिश की लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया।
मुलायम के बाद अखिलेश गुट की ओर से रामगोपाल यादव, किरनमय नन्दा और नरेश अग्रवाल सहित अन्य नेता भी आयोग पहुंचे और मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। मुलायम दोपहर साढ़े बारह बजे चुनाव आयोग पहुंचे।
उन्होंने वहां रामगोपाल की ओर से बुलाए राष्ट्रीय अधिवेशन को असंवैधानिक बताया। मुलायम की ओर से कहा गया कि पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष ही अभी तक अधिवेशन बुलाता आया है और जिस अधिवेशन का हवाला रामगोपाल दे रहे हैं, वह उन्होंने नहीं बुलाया।
मुलायम ने कहा कि रामगोपाल पहले से ही निष्कासित थे। इसलिए उन्हें अधिवेशन बुलाने का कोई अधिकार नहीं था। मुलायम ने करीब चालीस मिनट तक अपनी बात रखी और हलफनामा दिया।
अखिलेश और मेरे बीच की बात इसके बाद उन्होंने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी में ज्यादा विवाद नहीं है। थोड़ा-बहुत विवाद है, जो जल्द सुझला लिया जाएगा। मुलायम ने कहा कि यह मेरे और मेरे बेटे के बीच की बात है। परिवार में कोई मतभेद नहीं है।
उन्होंने रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति है, जो मतभेद करा रहा है। वहीं इसके कुछ देर बाद चुनाव आयोग से मिलकर लौटे रामगोपाल ने कहा कि हमने इलेक्शन कमीशन से जल्द फैसला लेने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि हमने अपने दस्तावेज पहले ही मुहैया करा दिए हैं। वह मुलायम सिंह यादव की उनको लेकर की गई टिप्पणी पर कुछ नहीं बोले।
दस्तावेज लेने से फिर किया इनकार
इससे पहले मुलायम द्वारा दस्तावेज नहीं लेने पर रामगोपाल के वकील ने कहा कि हमने उन्हें चुनाव आयोग के निर्देश पर दस्तावेज रिसीव कराने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया।
इससे पहले रविवार को मुलायम सिंह यादव के आवास पर भी दस्तावेज देने की कोशिश हुई थी, लेकिन वहां भी इनकार कर दिया गया। इस बीच सपा के एक और वरिष्ठ नेता और काबीना मंत्री आज़म खां ने सोमवार को कहा कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गेंद अब इलेक्शन कमीशन के पाले में है।