मुंबई। संजय दत्त के लिए येरवडा जेल दफतर हो गया है, उन्होंने एक बार फिर जेल प्रशासन को उनकी छुटटी बढाने के लिए आवेदन किया है। तमाम विरोधों के बीच संजय दत्त को निरंतर पैरोल पर छोडे जाने का चहुंओर निंदा भी हो रही है। वैसे अभी तक संजय के इस आवेदन पर विचार नहीं किया गया है।
मुंबई में 1992 के दंगों के दौरान घातक हथियार रखने के आरोप में संजय दत्त को गिरफतार किया गया था और लम्बी कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें सजा हुई थी। उन्हें पूणे की येरवडा जेल में सजा भुगतने भेजा गया, जहां से उन्हें फर्लो की लम्बी छुटटी दी गई, इसका काफी विरोध भी हुआ। पिछले वर्ष वह 24 दिसम्बर को फर्लो के तहत जेल से बाहर आए और गुरुवार को उनके यह दिन खतम होने वाले थे तो उन्होंने फिर से फर्लो एक्सटेंशन के लिए आवेदन कर दिया है। संजय दत्त मई, 2013 से मई 2014 के बीच पेरोल और फर्लो के नाम पर 118 दिन जेल से बाहर बिता चुके हैं। उन्हें पांच साल की जेल हुई थी, इसमें से 18 महीने अंडरट्रायल सजा भुगत चुके हैं। फिलहाल वह शेष साढे तीन साल की सजा भुगतने के लिए येरवडा जेल में हैं।
लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
इधर, दत्त की छुटिटयों को लेकर फिर से विवाद होने लगा है। प्रदीप भालेकर ने इस संदर्भ में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व गृहराज्य मंत्री राम शिंदे को भी पत्र लिखा है।
मुंबई उच्च न्यायालय में फौजदारी स्वरुप की जनहित याचिका दायर कर प्रदीप भालेकर ने ही 18 दिसम्बर को संजय दत्त को बार- बार मिल रही फर्लो की छुट्टी का विरोध किया था, लेकिन छुटिटयों की वजह से उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो पायी। भालेकर का कहना है कि राज्य में इस समय 27 हजार 750 कैदी विभिन्न जेलों में सजा भुगत रहे हैं, इनमें से 751 ने फर्लो की छुटटी के लिए आवेदन दिया हुआ है, लेकिन जेलर उनके इन आवेदनों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं संजय को बार-बार फर्लो की छुटिटयां दी जा रही है। जेल मैनुअल के अनुसार किसी भी कैदी को जेल में २२ महीने की सजा भुगतने के बाद ही संचित छुट्टी अथवा फर्लो की छुट्टी दी जा सकती है, लेकिन संजय दत्त को येरवड़ा जेल में डेढ़ महीने बिताने के बाद ही फर्लो मंजूर कर दी गई थी। भालेकर ने बताया कि 2013 में भी संजय दत्त की फर्लो की छुट्टी बढाई थी।