चंडीगढ़। हरियाणा के स्वंयभू संत रामपाल को मंगलवार को हिसार की एक अदालत ने दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया।
रामपाल के हथियारबंद समर्थकों की नवंबर 2014 में पुलिस से झड़प हुई थी। उन्होंने पुलिस को रामपाल को गिरफ्तार करने से रोकने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया था।
न्यायिक दंडाधिकारी महेश कुमार की अदालत ने रामपाल को गलत तरीके से बंधक बनाने, गैर-कानूनी ढंग से लोगों को इकट्ठा करने और एक सरकारी अधिकारी की ओर से जारी आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में दोषी नहीं पाया।
हालांकि रामपाल जेल में ही रहेंगे, क्योंकि उनके खिलाफ हत्या की साजिश, राजद्रोह व दंगे सहित अन्य मामले चल रहे हैं। यह फैसला चंडीगढ़ से 250 किमी दूर हिसार की सेंट्रल जेल में बनाई गई एक अस्थाई अदालत में फैसला सुनाया गया।
रामपाल व उसके करीबी सहयोगियों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर उन्हें गिरफ्तार करने गई पुलिस का नवंबर 2014 में विरोध किया था। रामपाल के हथियारबंद समर्थक हिसार के बरवाला कस्बे में स्थित सतलोक आश्रम के भीतर जमा हो गए थे।
इस दौरान पांच महिलाओं व बच्चे सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। रामपाल के हथियारबंद समर्थकों के साथ पुलिस की लगभग दिनभर झड़प हुई थी।
लगातार कई बार अदालत के समक्ष पेश नहीं हो पाने के बाद उच्च न्यायालय ने रामपाल की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
इससे पहले रामपाल के समर्थकों ने हिसार में जुलाई 2014 में उत्पात मचाया था, जब रामपाल 2006 की एक हत्या की साजिश के मामले में पेश होने के लिए अदालत जा रहे थे।