कुरुक्षेत्र। अखिल भारतीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि सरस्वती नदी विश्व की प्रेरणा और सर्वश्रेष्ठ सभ्यताओं की जननी मानी जाती है। सदियों से इस पवित्र नदी के किनारे ही वेदों, ग्रंथों की रचना की गई। आज कलयुग में सरस्वती नदी के केवल मात्र आचमण से मुक्ति का मार्ग मिलेगा।
आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार रविवार को सुबह पिपली में हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से अत: सलीला सरस्वती की धारा को धरा पर प्रवाहित करने के कार्य के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
इससे पहले अखिल भारतीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नरेश कुमार, महामंडलेश्वर स्वामी शाश्वतानंद गिरी, अम्बाला के सांसद रतनलाल कटारिया, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्वाज, बोर्ड के सीईओ आईएएस अधिकारी विजयेंद्र कुमार व उपायुक्त सीजी रजिनिकांतन ने नए टयूबवैल का बटन दबाकर व नारियाल तोडक़र शुभारंभ किया और इसके पश्चात सरस्वती नदी की योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का रिबन काटकर उदघाटन भी किया।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरस्वती नदी पूरे विश्व के लिए मंगलमयी है। कलयुग में सरस्वती का आचमण करने से ही मुक्ति मिल जाएगी और अधर्म का भी अंत हो जाएगा। कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पवित्र ग्रंथ गीता और सरस्वती का एक सुंदर योग है। सदियों से ही सरस्वती नदी पवित्रता का प्रतीक रही है।
भारत के साथ-साथ दुनिया के ग्रंथों में स्पष्ट लिखा है कि सरस्वती के बिना सभ्यता की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस सरस्वती नदी को फिर से धरा पर लाने के लिए शोध कार्य तेजी से चल रहे हैं। सरकार ने भी इसे स्वीकार करते हुए सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार के लिए योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि 5152 में गीता जयंती पर्व पर मां सरस्वती के जीर्णोद्धार कार्य को शुरू करके निश्चित ही एक सुखद एहसास हो रहा है।
महामंडलेश्वर शाश्वतानंद महाराज ने कहा कि आदिबद्री स्थल पर संतों का अध्यात्मिक स्थल बनाया जाना चाहिए। अखंडपीठ की तरफ से सबसे पहले कुरुक्षेत्र के पिपली में निशानदेही के कार्य को शुरू किया गया। अम्बाला से सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि आरएसएस के वरिष्ठ नेता दर्शन लाल जैन के मार्गदर्शन में ही सरस्वती नदी के शोध कार्य को शुरू किया गया। आज सभी शोध कार्य उन्हीं की देन हैं।
सरकार ने योजना बनाई है कि आदिबद्री से गुजरात तक सरस्वती नदी के जल का प्रवाह किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए की राशि भी जारी की है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने कहा कि सरस्वती नदी का जीर्णोद्धार करने की पहल भाजपा सरकार ने ही की है। अब सरकार योजना को अमलीजामा पहनाने का काम कर रही है।
थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से ही पवित्र सरस्वती नदी का प्रवाह फिर से संभव हो पाएगा। हरियाणा सरस्वती हैरीटेज विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रशांत भारद्धाज ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार युद्धस्तर पर सरस्वती नदी पर जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट भी जारी कर दिया है।
उपायुक्त सीजी रजिनिकांतन ने तमाम मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के सीईओ आईएएस अधिकारी विजयेंद्र कुमार, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष आत्म प्रकाश मनचंद, भाजपा के जिलाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच, युधिष्ठिर बहल, डा. शकुंतला, बीड़ पिपली के निर्वतमान सरपंच राजेश सैनी, विनीत बजाज, विनीत क्वात्रा, सुभाष नरूला, रविंद्र सांगवान, राजेश मझाड़ा, सचिन मित्तल, मंगत चौहान, सुशील राणा, अमित रोहिल्ला, बलबीर सिंह, शेरपाल राणा, राजेंद्र राणा, डीएसपी कृष्ण कुमार, डीआरओ अशोक मलिक, डीडीपीओ कपिल शर्मा, डीआईपीआरओ सुनील कुमार सहित अधिकारीगण और गणमान्य लोग मौजूद थे।