![पूर्वोत्तर में पहली भाजपा सरकार के हीरो हैं सर्वानंद सोनोवाल पूर्वोत्तर में पहली भाजपा सरकार के हीरो हैं सर्वानंद सोनोवाल](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/05/sonwalj.jpg)
![Sarbananda Sonowal is national hero who struck gold for bjp in assam](https://www.sabguru.com/wp-content/uploads/2016/05/sonwalj.jpg)
गुवाहाटी। पूर्वोत्तर में पहली भाजपा सरकार के अगुवा बनने जा रहे सर्वानंद सोनोवाल ने 15 साल से असम में जारी तरूण गोगोई नीत कांग्रेस सरकार को बेदखल कर भगवा पार्टी का परचम फहरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसे को कायम रखा जिन्होंने खेल एवं युवा मामलों के मंत्री एवं असम के लखीमपुर से सांसद सोनोवाल के युवा कंधों पर भाजपा के लिए पूर्वाेत्तर के द्वार खोलने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
असम के डिब्रूगढ़ जिले में जन्में 54 वर्षीय सोनोवाल वर्तमान में छात्र राजनीति से आगे बढ़ते हुए केंद्र की सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री बने। सोनोवाल वर्ष 1992 से 1999 तक ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के अध्यक्ष रहे।
असम की राजनीति में इस छात्र संगठन का खासा प्रभाव देखने को मिलता है और संगठन ने छह वर्ष तक असम आंदोलन की अगुवाई की। असम में भाजपा की राजनीति के केंद्र में आने तक उनकी पहचान राज्य के युवा, जुझारू और तेज तर्रार नेता के रूप में बन चुकी थी।
आठ फरवरी, 2011 को तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरूण गांधी, विजय गोयल, विजॉय चक्रवर्ती और रंजीत दत्ता की मौजूदगी में वह पार्टी में शामिल हुए। उन्हें तत्काल भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया और बाद में राज्य भाजपा का प्रवक्ता नियुक्त किया गया।
हालांकि 2012 में उन्हें राज्य भाजपा का अध्यक्ष भी बनाया गया और वह अभी इस पद पर बने हुए हैं। इस वर्ष 28 जनवरी को पार्टी ने उन्हें असम में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। सोनोवाल सबसे पहले वर्ष 2001 में सूबे के मोरन विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गये थे लेकिन वर्ष 2004 में हुए 14वीं लोकसभा चुनाव में वह डिब्रूगढ़ से सांसद चुने गए।
वर्ष 2014 में हुए 16वीं लोकसभा के चुनाव में सोनोवाल लखीमपुर सीट पर जीत दर्ज की और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में उन्हें स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री बनाया गया। साल 1992 से राजनीति में सक्रिय सोनोवाल ने हमेशा राज्य में ही रहकर राजनीति की। सभी दलों के नेताओं से उनके निजी परिचय हैं। चुनाव बाद की रणनीति में इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
विधायक और बाद में सांसद रहने के साथ ही राज्य स्तर पर सोनोवाल का प्रशासनिक अनुभव का भी लाभ पार्टी को मिल सकता है। केंद्र सरकार में खेल मंत्रालय संभाल रहे सोनोवाल निजी तौर पर फुटबॉल और बैडमिंटन के खिलाड़ी भी रहे हैं और उनका फुटबॉल से लगाव पूर्वोत्तर में सर्वज्ञात है।
सोनोवाल ने ही असम में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की अगुवाई की है। इन हालात में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक सं का भी पूरा समर्थन मिला है।
31 अक्तूबर, 1962 को असम के डिब्रूगढ़ जिले में जन्मे सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातक किया और उसके बाद कानून की पढ़ाई के लिए गुवाहाटी विश्वविद्यालय गये। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी की। पार्टी ने उनको इस विधानसभा चुनाव में माजुली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा था।