रांची। चांदो एंदर चांदो कोय फूल लेखे ओरेगा लगीरे… अम्बा मंजरे मधु मातलयं रे। रविवार को सरहुल के इन गीतों पर पूरा झारखंड झूम उठा। राजधानी में भी प्रकृति पर्व सरहुल का त्योहार धूमधाम से मनाया गया।
सरहुल के मौके पर पूरा शहर सरना झंडों से पटा रहा। सुबह में पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना होने के बाद दोपहर में विभिन्न सरना समिति और अखड़ा से सरहुल की झांकी गाजे-बाजे के साथ निकली। झांकी के साथ ढोल, ताशा और बैंजो की धुन पर युवक-युवतियां झूमते हुए आगे-आगे चले।
पारंपरिक परिधान में लाल पाड़ की साड़ी पहने और बुजुर्ग धोती-कुर्ता में सज-धज कर शोभायात्रा में शामिल हुए। एक-एक कर विभिन्न सरना पूजा समिति की शोभा यात्रा अल्बर्ट एक्का चौक पहुंची। यहां पर आदिवासी जन परिषद, चडरी सरना पूजा समिति सहित अन्य संस्थाओं की ओर से स्वागत कैंप लगाया गया था।
मंच से शोभा यात्रा का स्वागत किया गया। वहीं, मौके पर पहुंचे सीएम रघुवर दास ने लोगों को सरहुल की बधाई दी। अल्बर्ट एक्का चौक पर सरना पूजा समितियों की ओर से अपनी कला का प्रदर्शन किया। कोई ढोल बजा कर तो किसी ने ताशा पर अपना हुनर दिखाया।
ताशा की गड़गड़ाहट पर शोभा यात्रा देखने के लिए खड़े लोग खुद को नहीं रोक पा रहे थे। स्वतः लोगों के पैर थिरकने लगे। जैसे-जैसे ताशा की गड़गड़ाहट बढ़ी, वैसे-वैसे लोग तेजी से झूमते दिखे। सरहुल की शोभायात्रा का समापन सुजाता चौक से आगे जाकर सिरमटोली चौक पर हुआ।
अल्बर्ट एक्का चौक से एमजी रोड होते हुए शोभायात्रा सिरमटोली चौक पहुंची। इस दौरान रास्ते में विभिन्न संगठनों की ओर से शोभायात्रा का स्वागत किया गया। कहीं चना-गुड़ तो कहीं शर्बत का वितरण किया गया।
कोयलांचल में भी रविवार को सरहुल पर्व की धूम रही। धनबाद पुलिस लाइन में भी सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर पुलिस महकमे के अधिकारी और जवान सभी मांदर की थाप पर थिरक रहे थे। इस मौके पर अधिकारियों ने जवानों को सरहुल की ढेर सारी शुभकामनाएं भी दी।
धनबाद पुलिस लाइन में आयोजित सरहुल महोत्सव में निरसा डीएसपी अशोक तिर्की, गोविंदपुर डीएसपी, मुकेश महतो जवानों के साथ मांदर की थाप पर जम कर थिरके। इस दौरान मुकेश महतो ने खुद मांदर बजाते हुए जवानों के साथ डांस किया।
मुकेश महतो ने कहा कि यह प्रकृति पर्व सरहुल लोगों को प्रकृति के साथ तालमेल बैठाते हुए जीने की सीख देता है। अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए हमें भी प्रकृति से तालमेल बिठा कर जीना चाहिए। गुमला में भी सरहुल आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया।
थाना रोड स्थित सरनास्थल में आयोजित पूजा समारोह मे मंगरा पाहन और गना पूजारी ने पुजा अर्चना की और बाद में लोगों के बीच प्रसाद बांटा गया। मौके पर पूर्व विधायक गीताश्री उरांव, जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा प्रमुख देवेंद्र उरांव सहित कई आदिवासी समाज के गण्यमान्य लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम में गीताश्री उरांव ने कहा कि सरहुल पर्व आदि संस्कृति है और यह समाज के लिए उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। वहीं लोहरदगा में भी सरहुल का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां केंद्रीय सरहुल कमिटी के नेतृत्व में विधिवत पूजा-पाठ हुआ और भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि प्रकृति पर्व सरहुल एकता और प्रकृति की रक्षा का संदेश देता है। प्रकृति की रक्षा के बगैर मानव जीवन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासी सभ्यता संस्कृति प्रकृति की रक्षा से जुड़ी है।
उन्होंने अपनी सभ्यता और संस्कृति को जीवंत रखने का आहवान युवा वर्ग से किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत और चमरा लिंडा भी उपस्थित थे।