अजमेर। देहली गेट स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम परिसर में रविवार को सतगुरू स्वामी टेऊंराम महाराज का पांच दिवसीय जन्मोत्सव समारोह हर्षोल्लास के साथ प्रारम्भ हुआ।
प्रथम दिवस देश विदेश के कई श्रद्धालुओं के साथ स्वामी टेऊंराम मण्डली इस महोत्सव में शिरकत करने आई हैं। स्वामी टेऊंराम मण्डली इस महोत्सव के दौरान अपनी प्रस्तुतियां देंगी। इसके अन्तर्गत सुबह 7 बजे श्रीप्रेम प्रकाश ग्रंथ व श्रीमद् भगवद् गीता का पाठ प्रारम्भ हुआ। उसके पश्चात् 62 बच्चों के यज्ञोपवित संस्कार हुए।
आश्रम के संत ओम प्रकाश शास्त्री ने बताया कि सुबह 9 बजे पण्डित कृष्ण कुमार व्यास व उनके सहयोगियों ने 62 बच्चों का यज्ञोपवित संस्कार विधि विधान के अनुसार सम्पन्न करवाया। इस अवसर पर आश्रम के महन्त स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री ने कार्यक्रम में पहुंचे अजमेर, जयपुर, जोधपुर, डीसा आदि स्थानों के अभिाभावकों व बच्चों को यज्ञोपवित संस्कार का महत्व बताया।
उन्होंने कहा कि यज्ञोपवित संस्कार प्रत्येक हिन्दू के लिए आवश्यक है। यज्ञोपवित संस्कार सनातन धर्म के 16 संस्कारों में से एक प्रमुख संस्कार है। यज्ञोपवित संस्कार के बाद ही गृहस्थ आश्रम में प्रवेश किया जा सकता है। संस्कारों से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।
वर्तमान युग में संस्कारों की कमी दिखाई दे रही है। जिस कारण समाज विकास की ओर न जाकर अपने लक्ष्य से भटक रहा है। आगे स्वामी जी ने बच्चों को जनेऊ धारण के नियम व सदाचारी आचरण की सीख दी और कहा कि पुण्य भले ही कम करो, परन्तु पाप कार्यों से बचों।
उन्होंने कहा कि जीव हत्या पाप होती है अतः मासांहार नहीं करें, सात्विक आहार लें। अभिभावकों को समझाते हुए कहा कि ना आप स्वयं मासांहार का उपयोग करें ना अपने बच्चों को कराएं। इस अवसर पर आश्रम में विभिन्न स्थानों से आए संत महात्मा व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
बाल प्रतिभा सम्मान समारोह
शाम को 5.00 बजे विशिष्ट बाल प्रतिभा सम्मान समारोह का कार्यक्रम आरम्भ हुआ। जिसके अंतर्गत कई तरह की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बालक-बालिकाओं द्वारा दी गई। सद्गुरू स्वामी टेऊंराम महाराज की जीवनी के अन्तर्गत अतिथि देवो भवः शीर्षक से एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। जिसमें सेवा का महत्त्व बताया गया कि किस प्रकार स्वामी टेऊंराम जी महाराज ने अतिथियों की सेवा की, सेवा में कोई भेदभाव नहीं किया।
स्वामी टेऊंराम ने स्वयं अपने श्रद्धालुओं की सेवा करके यह संदेश दिया कि आप भले कितने ही बड़े आदमी क्यों न बन जाएं, सेवा का काई भी काम छोटा नहीं होता। इसके साथ ही स्वामी टेऊंराम के जन्म पर आधारित भजन ”वरी घर-घर में वाधायूं…“ पर बाल प्रतिभाओं ने नृत्य कर उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इसी श्रृंखला में 15 बाल प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। जिसमें 10 प्रतिभाएं शैक्षणिक क्षेत्र से सम्बन्धित थी तथा अन्य 5 प्रतिभाएं विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि नाट्य कला, चित्र कला, नृत्य कला आदि में निपुण थी। इन बाल प्रतिभाओं को स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री ने स्मृति चिन्ह व उपहार भेंट कर सम्मानित किया।
स्वामी ब्रह्मानन्द शास्त्री ने अपने आशीर्वचन में बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें अपनी प्रतिभा के साथ अपनी मेहनत के संयोजन के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम के संयोजक घनश्याम भगत, सुनीता भागचन्दानी व ममता तुल्सियानी थे। कार्यक्रम का संचालन घनश्याम भगत द्वारा किया गया।
26 जून के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए आश्रम के संत ओम प्रकाश बताया कि सोमवार सुबह 11 कुण्डीय विश्व कल्याणार्थ विष्णु महायज्ञ होगा। जिसमें लगभग 60 श्रद्धालुओं द्वारा विश्व के कल्याण हेतु आहुतियां दी जाएंगी। शाम 4 बजे पूज्य लाल साहिब की ज्योति प्रज्वलित होगी इसके बाद शाम 5.30 बजे आश्रम से भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
शोभा यात्रा देहली गेट से धान मण्डी, दरगाह बाजार, नला बाजार, मदार गेट, गांधी बाजार, जीपीओ, चूड़ी बाजार, पुरानी मण्डी, नया बाजार, आगरा गेट, महावीर सर्किल, गंज होते हुए देहली गेट, आश्रम पर समाप्त होगी।