भोपाल। आगामी 21 नवम्बर को सप्तमी तिथि, सोमवार को अश्लेषा नक्षत्र में शनि ग्रह अस्त हो रहे हैं। इससे मौसम में एक बार फिर बदलाव देखने को मिल सकता है। 21 अंश पर पश्चिम दिशा में शनि के अस्त होने से शीत लहर के साथ इस सप्ताह बारिश के योग बनेंगे।
नेहरू नगर ज्योतिषमठ संस्थान के अनुसंधान के संचालक ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम के अनुसार अखिल ब्रह्मांड के सर्वोच्य न्यायाधीश माने जाने वाले शनि ग्रह के अस्त होने से मौसम में परिवर्तन, बारिश, भूकम्प आदि मानवीय प्राकृतिक प्रकोप से हानि की संभावना है।
पं. गौतम के अनुसार सूर्य एवं शनि की युति तथा मंगल एवं केतू की युति का प्रभाव न्याय एवं कानून व्यवस्था पर भी पड़ेगा। वृश्चिक राशि में शनि के अस्त होने से अढ़ैयाशनि एवं साढ़े साति से पीढि़त जातकों को राहत मिलेगी, परंतु शनि के अस्त होने से संवैधानिक व्यवस्थाएं गड़बड़ाएगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय पर तुला, वृश्चिक व धनु राशि पर साढ़े साति का प्रभाव एवं मेष तथा सिंह राशि पर अढ़ेयाशनि का प्रभाव चल रहा है। इन राशि वालों को आगामी 25 दिसम्बर अर्थात शनि के उदय होने तक शनि पीढ़ा से राहत मिलेगी, परंतु आकाशमण्डल में कालसर्प योग्य की छाया रहेगी।
सोमवार प्रात: 21 नवम्बर को शनि के अस्त होते ही आकाशमण्डल में सभी गृह राहु केतू के आधीन 8 राशियों में आगामी एक पखवाड़े तक भ्रमणरत रहेंगे। जिसे कालसर्प की छाया सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त होगी।
इस छाया के कुप्रभाव वश आम जनों के कार्यो में रूकावट के साथ धार्मिक आर्थिक एवं सनमाजिक उन्माद बढ़ेगा वहीं इस छाया के प्रभाव से आगामी 15 दिनों तक विश्व के किसी भी शहर में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं की कुण्डली में कालसर्प दोष बनेगा।
https://www.sabguru.com/sunday-horoscopes-and-auspicious-coincidence-12/