नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सत्यम घोटाले में फैसला सुनाते हुए सत्यम के संस्थापक बी. रामलिंगा राजू समेत सभी दस अरोपियों को दोषी करार दे दिया है।
सत्यम कंपनी के खाते में हेराफेरी कर मुनाफा कई गुना बढ़ाकर दिखाया गया, जिसकी वजह से कंपनी के निवेशकों को 14 हजार करोड़ का चूना लगा।
रामलिंगा राजू ने सात जनवरी 2009 को खाते में गड़बड़ी करके करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने की बात मान ली थी। मामले के सभी दोषियों की सजा का एलान शुक्रवार दस अप्रैल को होगा।
विशेष अदालत ने रामलिंग राजू समेत सभी दस आरोपियों को आइपीसी की धारा 409, 420 और 120बी के तहत दोषी करार दिया है।
सत्यम घोटाले के मुख्य आरोपी बी. रामलिंग राजू उनके छोटे भाई और कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक बी. राम राजू हैं। सत्यम घोटाले की सुनवाई एक विशेष अदालत में चल रही है।
गौरतलब हो कि सत्यम के संस्थापक बी. रामलिंगा राजू ने सात जनवरी 2009 को खाते में गड़बड़ी करके करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने की बात मानी थी।
सत्यम में घोटाला 10 करोड़ रुपये के एडजेस्टमेंट के साथ शुरू हुआ और लगातार चलता रहा। इसे मामले में सत्यम ने अपने ग्राहकों से बिक्री रसीद को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया।