नई दिल्ली। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) ने एक अप्रेल से आधार दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती करके इसे 9.10 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले ब्याज दर 9.25 प्रतिशत थी।
बैंक ने यह जानकारी दी कि ऋण दरों में की गई यह कटौती एक अप्रेल से ही प्रभावी हो गया है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पांच और छह अप्रेल हो होगी जिसके बाद समिति चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी करेगी।
हालांकि इसमें ब्याज दरों में किसी तरह की कमी की उम्मीद नहीं की जा रही है। लेकिन स्टेट बैंक ने समिति की बैठक से पहले ही ब्याज दरों में कटौती कर दूसरे बैंकों को भी इसका अनुसरण करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
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आधार दर न्यूनतम रिण दर है और बैंक इससे कम दर पर अपने कर्जदारों को रिण नहीं दे सकते हैं। एक अप्रेल 2016 को लेकिन न्यूनतम रिण दर तय करने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया और तब से बैंक एमसीएलआर के आधार पर ब्याज दर तय करते हैं। एक अप्रैल 2016 के बाद रिण लेने वाले एमसीएलआर के आधार पर ब्याज चुकाते हैं।
एसबीआई ने फिलहाल सिर्फ आधार दर घटाई है। बैंक ने एमसीएलआर को यथावत रखा है। एमसीएलआर को गत जनवरी में एक साल की रिण दर में कटौती करके इसे आठ प्रतिशत और तीन साल की मियाद वाले रिण में ब्याज दर 8.15 प्रतिशत की थी।
एसबीआई ने तब ही बताया था कि उसके 40 फीसदी कॉरपोरेट रिण और 10 फीसदी खुदरा रिण की ब्याज दर एमसीएलआर के आधार पर तय की गयी है जबकि शेष आधार दर यानी बेस रेट से जुड़े हैं। बैंक ने कहा था कि बेस रेट से जुड़े कर्जदार 0.5 फीसदी की फीस देकर एमसीएलआर के आधार पर ब्याज की नई दर तय करा सकते हैं।