मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक RBI ने आठ दिसंबर तक उच्च मूल्य के कुल 15,78,700 करोड़ रुपये की नकदी छापी थी, लेकिन उसमें से 2,46,300 करोड़ रुपये की नकदी बाजार में जारी ही नहीं की गई। सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक SBI ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सरकार और RBI के आंकड़ों के आधार पर SBI ने अपने शोध पत्र ‘क्या 2,000 रुपये के उच्च मूल्य के नोट को वापस रखा गया?’ में कहा कि पिछले साल की गई नोटबंदी के बाद इस साल आठ दिसंबर तक 2,46,300 करोड़ रुपये मूल्य के उच्च मूल्य वाले नोटों को प्रचलन में भेजा ही नहीं गया।
SBI की मुख्य आर्थिक सलाहकार CM सौम्य कांति घोष ने एसबीआई इकोफ्लैश रिपोर्ट में कहा, “वित्त मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, RBI ने आठ दिसंबर तक 500 रुपये के कुल 1695.7 करोड़ नोट और 2,000 रुपये के कुल 365.4 करोड़ नोट छापे थे। इन नोटों का कुल मूल्य 15,787 अरब है।”
RBI के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 के मार्च तक छोटे मूल्य के कुल 3,50,100 करोड़ नोट प्रचलन में थे।
इन जगहों पर मजा तो बहुत है पर जान का खतरा भी है
SBI ने कहा, “इसका तात्पर्य यह है कि आठ दिसंबर तक उच्च मूल्य के सभी नोटों का मूल्य 13,324 अरब था। इसका मतलब यह है कि RBI ने 2,463 अरब के उच्च मूल्य को नोट को बाजार में भेजे ही नहीं।”
देखिये जब हुआ बॉलीवुड एक्ट्रेस के साथ पब्लिक में छेड़छाड़
“इसका तार्किक कारण यह है कि नोटबंदी के बाद लोगों को उच्च मूल्य वाले नोट को भंजाने में परेशानी हो रही थी, इसलिए हो सकता है कि RBI ने जानबूझकर 2,000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर छोटे नोटों की शुरू कर दी और प्रचलन में उच्च मूल्य के नोटों को नहीं भेजा।”
इन जगहों पर मजा तो बहुत है पर जान का खतरा भी है
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में प्रचलन में जितने नोट हैं, उनमें छोटे मूल्य के नोट की हिस्सेदारी 35 फीसदी है।
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और FACEBOOK पर PAGE LIKE कीजिए, और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE