नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के डांस बार मामले पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह डांस बार के लिए 64 लाइसेंस पर चार हफ्ते में फैसला करे।
कोर्ट ने बुधवार को बार लाइसेंस के लिए फीस की रकम दो लाख रुपए से कम करने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि बार में सीसीटीवी कैमरे जरूर होने चाहिए क्योंकि वहां अपराधी प्रवृत्ति के लोगों का आना-जाना होता है।
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि 21 साल से कम उम्र के लोगों को बार में जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि बार में कोई प्रशिक्षित डांसर नहीं होता इसलिए वहां अश्लीलता की संभावना ज्यादा रहती है।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की इस बात के लिए आलोचना की थी कि उन्होंने डांस बार में शराब परोसने पर प्रतिबंध लगाया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा था कि वह राज्य में शराब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती?
कोर्ट ने डांस बार में सीसीटीवी लगाने पर भी नाराजगी जताई थी और कहा था कि इससे डांस बार जाने वालों की निजता का हनन हो सकता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि डांस बारों में डांस के वक्त पैसे उड़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसा करना महिलाओं के सम्मान और शिष्टाचार के खिलाफ है। कोर्ट ने पहले की सुनवाई के दौरान ये भी कहा था कि बार डांस करना रोड पर भीख मांगने से तो अच्छा है।