नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समलैंगिक अधिकारों को समर्थन किया है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम भी उनके समर्थन में आ गए हैं। जेटली ने कहा है कि सुप्रीमकोर्ट को 2013 में समलैंगिक संबंध को अपराध की श्रेणी में डालने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
हालांकि जेटली के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इस मुद्दे पर बीजेपी को निशाने पर ले लिया और ट्वीट कर पूछा कि सरकार समलैंगिक संबंधों को तो अपराध मुक्त कर सकती है लेकिन समलैंगिक शादियों के बारे में सरकार क्या सोचती है?
मालूम हो कि बीजेपी के किसी मंत्री ने पहली बार खुलकर समलैंेिगक अधिकारों के बारे में बात की है। हालांकि तिवारी ने चिदम्बरम की बात का समर्थन भी किया है। उन्होंने कहा कि चिदम्बरम सही कह रहे हैं। हमें किताबों और पत्रिकाओं, सोशल मीडिया और फिल्मों पर रोक लगाने की संस्कृति से बाहर निकलने की जरूरत है। तिवारी ने कहा कि वित्त मंत्री यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि जब उनकी सरकार पर असहिष्णुता को लेकर सवाल उठे तो बता सकें कि सरकार कितनी सहिष्णु हैं।
गौरतलब है कि जेटली ने शुक्रवार को कहा था कि व्यस्कों के बीच परामर्श से बने समलैंगिक संबंधों को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपराधमुक्त कर दिया था लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने इस फैसले को पलट कर इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया। जेटली के मुताबिक यह सही कदम नहीं था।