नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जस्टिस जेएस खेहर को अगला चीफ जस्टिस बनाने के राष्ट्रपति के नोटिफिकेशन को चुनौती देनेवाली याचिका को खारिज कर दिया।
जस्टिस आरके अग्रवाल और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की वेकेशन बेंच ने कहा कि जस्टिस खेहर की चीफ जस्टिस के रुप में नियुक्ति में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है।
याचिका नेशनल लॉयर्स कैंपेन फॉर जुडिशियल ट्रांसपेरेंसी एंड रिफॉर्म्स ने दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि जस्टिस खेहर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को खारिज करने वाले बेंच के सदस्य थे जिनके फैसले की वजह से कॉलेजियम सिस्टम फिर से बहाल हो गया था।
याचिकाकर्ता का कहना था कि जस्टिस खेहर ने अपने फैसले में कॉलेजियम सिस्टम को बहाल कर अपने को अगला चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त कराने में मदद की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया।
आपको बता दें कि कॉलेजियम सिस्टम के तहत कॉलेजियम की अनुशंसा पर ही चीफ जस्टिस की नियुक्ति होती है। सुप्रीम कोर्ट के पांच वरिष्ठतम जज कॉलेजियम के सदस्य होते हैं। अक्सर ये परंपरा होती है कि सबसे सीनियर जज को कॉलेजियम चीफ जस्टिस के रूप में नाम कानून मंत्रालय को भेजता है जहां से स्वीकृत होने के बाद राष्ट्रपति उस पर मुहर लगाते हैं।
याचिकाकर्ता नेशनल लॉयर्स कैंपेन फॉर जुडिशियल ट्रांसपेरेंसी एंड रिफॉर्म्स ने इसके पहले जस्टिस जेएस खेहर की जगह जस्टिस जे चेलमेश्वर को आगामी चीफ जस्टिस बनाने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति ने जस्टिस खेहर को आगामी चीफ जस्टिस की नियुक्त का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है इसलिए ये अर्जी अर्थहीन हो गई। वर्तमान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर तीन जनवरी को रिटायर हो रहे हैं और चार जनवरी को जस्टिस जेएस खेहर नए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद की शपथ लेंगे।