नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एनसीआर में 2000 सीसी या उससे अधिक क्षमता वाली डीजल गाड़ियों की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाने से सम्बंधित मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
वाहन निर्माताओं की दो बड़ी कंपनियों मर्सडीज और टोयोटा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राजधानी में डीजल गाड़ियों से पर्यावरण पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव पर और ग्रीन सेस लागू करने की संभावनाओं पर अध्ययन करने को सरकार तैयार है। इसके लिए केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से छह हफ्ते का समय मांगा है।
सरकार ने कहा कि वह भी 2000 सीसी या उससे अधिक क्षमता वाली डीजल गाड़ियों की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाने के पक्ष में है।
इससे पहले बुधवार को अपने एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह ग्रीन सेस भुगतान के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000 सीसी से ज्यादा वाली क्षमता वाली कारों और एसयूवी की बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाने पर विचार कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एके सीकरी और आर. भानुमति ने वाहन निर्माताओं की दो बड़ी कंपनियों- मर्सडीज और टोयोटा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बातें कहीं।
दोनों कंपनियों ने अपने वकीलों गोपाल सुब्रमण्यम और गोपाल जैन ने कोर्ट से कहा कि यदि बड़े डीजल वाहनों पर से प्रतिबंध हटाया जाता है तो वह कारों के एक्स-शोरूम कीमत का एक प्रतिशत सेस के रूप में जमा करने के लिए तैयार हैं।