नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने शुक्रवार को कोलकाता की एक गर्भवती महिला का 24 सप्ताह का गर्भ गिराने की मांग वाली याचिका पर महिला की चिकित्सा स्थिति की जांच के लिए सात चिकित्सकों की एक समिति गठित की।
न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ व न्यायाधीश संजय किशन कौल की अवकाश पीठ ने इस पर कोलकाता इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एसएसकेएम अस्पताल)की समिति से 29 जून को रपट जमा करने को कहा है। इस मामले पर अदालत 29 जून को सुनवाई करेगी।
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माता-पिता ने भ्रूण के असामान्य होने से मां के स्वास्थ्य पर खतरा होने की वजह से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
शीर्ष अदालत का यह आदेश पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा अवकाश पीठ को यह बताने के बाद आया है कि उसके चिकित्सकों द्वारा मां और भ्रूण की चिकित्सा जांच का फैसला किया है।
माता-पिता ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 की धारा 3(2)(बी) की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को गिराने पर रोक है।