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एसी-एसटी केस में अब दो माह के भीतर जांच जरूरी - Sabguru News
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एसी-एसटी केस में अब दो माह के भीतर जांच जरूरी

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एसी-एसटी केस में अब दो माह के भीतर जांच जरूरी
SC-ST case now important to check within two months
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नई दिल्ली। संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर केंद्र सरकार ने अनुसूचित जनजाति अधिनियम में किए गए संशोधन से जुड़े नियमों को शनिवार को अधिसूचित कर दिया।

जिसके तहत अब दलितों और आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी और दलितों के खिलाफ मामलों में 60 दिनों में चार्जशीट सौंपनी होगी।

सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने अनुसूचित जाति और जनजातियों (उत्पीड़न निरोधक) कानून में सुधारों को 14 अप्रेल 2016 नोटिफाई कर दिया था। जिसके बाद संशोधित प्रावधानों को अमलीजामा पहनाने के लिए नियमों को तैयार किया गया। साल 1989 में बने इस कानून को संसद में इस साल सुधार के लिए पेश किया गया था।

सुधारों के तहत पहली बार महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में पीड़ित को राहत राशि दी जाएगी और इस तरह के अपराधों में राहत राशि जारी किए जाने को स्वास्थ्य संबंधित जांच से अलग कर दिया गया है। इसके तहत पीड़ित को ट्रायल के दौरान ही स्वीकार्य राहत राशि प्रदान की जाएगी, भले ही मामले में दोष साबित न हो।

एससी-एसटी और महिलाओं को बड़ी राहत देने वाले इस नियम के मुताबिक अब कानूनी शिकायतों का जल्द निपटारा हो सकेगा। इसके साथ ही पीड़ितों को एक तय अवधि में राहत मिलना सुनिश्चित हो जाएगा।

ऐसे मामले में 60 दिनों में जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करनी होगी। इसके साथ ही महिला अपराधों में खासतौर पर सख्ती बरती जाएगी। पीड़ित महिलाओं को खासतौर पर कानूनी मदद की जाएगी।

एससी-एसटी के खिलाफ मामलों में पीड़ितों को अपना केस लड़ने के लिए आर्थिक मदद भी की जाएगी। पीड़ित और उनके आश्रितों को मिलने वाली राहत की रकम को भी बढ़ाया गया है। अपराध की प्रकृति के आधार पर इस रकम को बढ़ाया भी जा सकता है।

इसके अलावा पीड़ितों और गवाहों के इंसाफ का हक सुनिश्चित करने और कार्रवाई की समीक्षा करने के लिए राज्य, जिला और अनुमंडल स्तर पर समिति बनाकर उसकी नियमित बैठक का भी प्रावधान किया गया है।