जोधपुर। जोधपुर में निजी विद्यालय संचालकों व् शिक्षकों के हितार्थ जनप्रतिनिधियों को दिए जाने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत रविवार को स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश महासचिव अनिल शर्मा ने की।
स्कूल शिक्षा परिवार के महासचिव शर्मा ने जोधपुर में विद्यालय संचालकों को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि सभी विद्यालय संचालक को अपनी समसयाएं होती हैं। इन समस्याओं के निराकरण के लिए सामूहिक रूप से मंथन की जरूरत है। हम अपने स्तर पर स्कूल में क्या सुधार कर सकते हैं तथा सरकार से क्या चाहते हैं इस बारे में सारगर्भित चर्चा कर निर्णय लेने का समय आ गया है। हमे ही बिना टीसी के एडमीशन या फीस डूबने की समस्या से छुटकारा पाने की समस्याओं से छुटकारा पाने का रास्ता तलाशना होगा।
पत्रिका एवं कलेण्डर का होगा प्रकाशन
अनिल शर्मा ने कहा कि स्कूल शिक्षा परिवार भी अपने संगठन की स्कूलों की एक नियम शिविरा बना कर सरकार से अनुमोदन मांगेंगे ताकी सरकारी झंझट से मुक्ति मिले। अपने क्षेत्र के मंत्रियों एवं एमएलए से मुलाकात करेंगे एवं जरूरी हुआ तो विधानसभा का पास बनवा कर अन्दर चलेंगे तथा वहां संबंधित मंत्री के सामने अपना पक्ष रखेंगे।
स्कूल शिक्षा परिवार की प्रमुख मांगे
फीस एक्ट में दोनों संशोधन
लैण्ड कन्वर्जन में मंत्रीमण्डल के 29 दिसंबर 2014 के फैसले के अनुसार छूट मिले एवं एक सत्र के लिए मिली मान्यता के आदेश आगे के लिए भी जारी हो।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय मे अटकी सभी पत्रावलियों पर कन्डीशनल ही सही पर मान्यता आदेश जारी हो।
जिला बोर्ड जो शिक्षा पर निगरानी के लिए बन रहा है उसमे हमारे जिलाधक्ष व महासचिव को अनिवार्य रूप से लिया जाए।
आरटीई के एडमीशन में यदि कोई स्कूल एडमीशन नहीं लेना चाहती है तो सरकार दबाव नही बनाए लेकिन जो लेना चाहती है उसे रोके भी नहीं तथा आय के आधार पर जनरल कॉस्ट के बच्चों के हो रहे एडमीशन यथावत रखे।
निजी स्कूलो का हमारा एक कलेण्डर हम बना कर सत्र प्रारम्भ से पूर्व ही सरकार को दे देंगे एवं सरकार जो उचित समझे सुझाव दे देवे या संशोधन कर देवे लेकिन बाद में उसमे कोई दखल नहीं हो ताकि हम एक रूपता स्वायत्ता से अपने स्कूल चला सके।
आरटीई वाले मसले पर जल्द ही सभी स्कूलों की राय लेकर ज्ञापन बनाया जाएगा क्यों इस मसले पर दो राय है।