कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एं जेलिस और कोकोर्डिया विश्वविद्यालय ने इसका खुलासा किया है कि पॉर्न देखना वास्तव में यौन उत्तेजना बढ़ा सकता है और यौन समस्याओंं के बढ़ने का कारण नहीं बन सकता है।
यूसीएलए सेमेल इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोराइंस के मनोरोग चिकित्सा विभाग में सहायक अनुसंधान वैज्ञानिक निकोल प्राउस ने कहा कि हमने पाया कि जो लोग घर पर ज्यादा सेक्स फिल्म देखते हैं वे लैब में सेक्स फिल्में देखने पर ज्यादा उत्तेजित हो जाते हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्राउसे और जिम पफाउस ने प्राउसे के लैब में यौन उत्तेजना पर कामुक फिल्म देखने का प्रभाव जानने के लिए किए गए पूर्व के अध्ययन के दौरान 280 स्वयंसेवकों से एकत्रित आंकड़े का विश्लेषण किया।
ऑनलाइन जर्नल सैक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित लेख में कहा गया है कि सभी पुरूषों ने बताया कि उन्होंने हर सप्ताह औसत घंटे तक सेक्स फिल्म को देखा। पुरूषों ने शून्य से 25 घंटे के बीच सेक्स फिल्में देखी और उन्होंने कामेच्छा का स्तर मापने के लिए तैयार प्रश्नावली को भी पूरा किया।
280 स्वयंसेवकों में से 127 नियमित साझीदार थे और उन्होंने “अंतर्राष्ट्रीय कामुकता सक्रियता तालिका” को पूरा किया। इस प्रश्नावली में पुरूष की कामुकता सक्रि यता के साथ उसके अनुभव के दर की आवश्यकता होती है।
भागीदारों ने लैब में फिल्म को भी देखा जिसमें एक पुरूष और एक महिला को सहमति से यौन संबंध बनाते दिखाया गया था और उसके बाद उन्होंने अपनी यौन उत्तेजना के स्तर के बारे में सूचित किया।
प्राउसे ने आगे कहा कि जहां कोई यह आपत्ति जता सकता है कि चूंकि वे सेक्स फिल्म पसंद कर सकते हैं तो परिणाम महत्वपूर्ण है, क्योंकि क्लीनीसियन अक्सर दावा करते हैं कि इस तरह की फिल्में देखने से पुरूष विचेतन हो जाते हैं।