न्यूयार्क। किसी बीमारी के कारण व्यायाम न कर पाने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी यह है कि अब उन्हें कसरत न कर पाने का मलाल न करना होगा और वे बिस्तर पर पडे पड़े ही इसका लाभ उठा पाएंगे।
स्थानीय मीडिया के अनुसार अमरीका की ओहायो यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंस के प्रोफेसर ब्रायम क्लार्क के नेतृत्व में किए गए शोध से यह खुलासा हुआ है कि जब किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण कोई व्यक्ति घूम फिर भी नहीं पाता तो वह अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए बस व्यायाम के बारे में सोचे।
ख्याली व्यायाम से भी व्यायाम जैसा लाभ मिलता है। शोधकर्ताओं ने इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए लोगों को दो समूह में बांटा। पहले समूह में शामिल लोगों की कलाई एफ क्लैंच से बांध दी गई ताकि उनकी मांसपेशियों में कोई हरकत न हो। इन्हें स्थिर बैठकर 11 मिनट तक व्यायाम के बारे में बस सोचने के लिए क हा गया। ऎसा वे एक सप्ताह में पांच दिन तक करते थे और उन्हें इस दौरान सबसे अधिक बांह की मांसपेशियों के व्यायाम के बारे में सोचने के लिए कहा गया।
दूसरे समूह को कोई खास निर्देश नहीं दिया गया। कुछ समय बाद पाया गया कि ख्याली व्यायाम करने वाले समूह के लोगों की मांसपेशियां दूसरे समूह के लोगों से अधिक मजबूत बन गई थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर को मजबूती देने का काम दिमाग करता है न कि कोइ शारीरिक कसरत। जो लोग मानसिकरूप से शिथिल हो जाते हैं उनका शरीर भी शिथिल हो जाता हैं।