नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि यदि कर स्तर भविष्य में ‘रेवेन्यू न्यूट्रल प्लस’ पर पहुंच जाता है, यानी तय सीमा से अधिक राजस्व आता है तो वस्तु एवं सेवा कर के स्लैब घटाएं जा सकते हैं।
जेटली ने नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नारकोटिक्स (एनएसीआईएन) के स्थापना दिवस के मौके पर यह बयान दिया।
जेटली के मुताबिक मौजूदा जीएसटी प्रणाली के कर स्लैब तभी घटाए जाएंगे, जब राजस्व निर्धारित सीमा से अधिक आएगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक जुलाई से देशभर में सभी अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर एक नई कर प्रणाली जीएसटी लागू की है।
मौजूदा समय में देश में कर के चार स्लैब यानी पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत हैं। इसके साथ ही जीएसटी लागू होने के शुरुआती पांच वर्षो में राज्य सरकारों को होने वाले राजस्व घाटे की भरपाई के लिए कार, बोतलबंद पेय, तंबाकू उत्पाद जैसे लग्जरी सामानों पर अतिरिक्त कर का भी प्रावधान है।
जीएसटी के तहत 81 फीसदी सामानों पर 18 फीसदी या इससे कम कर है और सिर्फ 19 फीसदी सामानों पर अधिकतम 28 फीसदी कर है।