अजमेर। एस.सी./एस.टी. रिसर्च एण्ड डवलपमेंट फोरम अजमेर ईकाई द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्वामी कॉम्पलेक्स अजमेर में किया गया।
कार्यशाला में अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए विशेष घटक योजना (स्पेशल कम्पोनेंट प्रोग्राम) तथा जनजातीय उपयोजना (ट्राईबल सब प्लान) के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य विधानसभाओं द्वारा विधेयक बनाने, जनजागरण व विधेयक के प्रावधानों पर चर्चा की गई।
समाज के शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के प्रभावी क्रियान्वयन पर चार सत्रों में आयोजित चर्चा के उदघाटन सत्र में मुख्यवक्ता डॉ. संतोषानन्द ने राष्ट्रीय अनुसुचित जाति योजना/अनुसूचित जनजाति उपयोजना परिषद के संदर्भ में अनुसूचित जाति और जनजाति के अधिकारियों का बोध कराया और भारतीय समाज के मूल एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं की जानकारी दी।
डॉ. पीआर राठी ने बताया कि एससी एसटी के कमजोर वर्गो को मुख्य धारा में लाने के लिए उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के मूल मंत्र शिक्षित रहो, संगठित रहो तथा संघर्षशील रहने का बोध कराया। मुकेश गोयर ने एससी एसटी वर्ग के लिए न्याय, स्वावलम्बन तथा सम्मान आदि विषयों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए एससी एसटी के लिए विधेयक बनाए जाने की अपील की। सामाजिक स्वावलम्बन के लिए शिक्षा पर जोर दिया।
सत्र के दौरान टेपण ने पूर्वकाल में दलित समाज के संघर्षशील जीवन पर प्रकाश डाला तथा कहा कि वर्तमान समय में भी दलित समाज संघर्षशील जीवन व्यतीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि मूलतः धारा 166 व आईपीसी में संशोधन किया जाना चाहिए तथा साथ ही धारा 04 में भी दलित उत्थान हेतु संशोधन होना चाहिए।
पूर्व आरएएस अधिकारी गोपालदास ने कहा कि जो दलित वर्ग में सम्बन्धित लाभ ले चुके लोग वर्तमान समय में अपने समाज का मार्गदर्शन करें ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंच सके। उन्होंने भुवाना काण्ड, अजसर काण्ड तथा गनेरी काण्ड के समसमयिक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए दलित वर्ग के भूमि सम्बन्धित मुद्दों व मुकदमों पर प्रकाश डाला साथ ही दलित समाज में पनप रहे ब्रह्माणवाद को (दलित द्वारा दलितों का शोषण) पर भी चिंता व्यक्त की।
खुले सत्र में न्याय, सम्मान, स्वावलम्बन एवं स्वाभिमान विषय पर समाज के प्रभुत्व वक्ताओं ने विचार प्रस्तुत किए जिसमें शिक्षित समाज के उत्थान, भविष्य में आने वाले अधिनियम का सही रूप क्रियान्वयन, भविष्य की पीढ़ी के उत्थान हेतु लाभ, आरक्षण सम्बंधी फेरबदल व रोजगारोन्मुखी नीति निर्माण को पूर्ण करने हेतु प्रयासरत रहने पर जोर दिया। सांख्यिकी विभाग के डायरेक्टर ओपी बेरवा ने एक्ट के प्रारूप पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में भारत माता व डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। मंच संचालन डॉ. मनोज कुमार बहरवाल ने किया व धन्यवाद राजस्थान कौर गुरू के सदस्य खाजुलाल चौहान ने किया। इस कार्यशाला में एस.सी. एस.टी. वर्ग के लगभग 98 अधिकारी व विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।