नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने मंगलवार को सहारा समूह के खिलाफ एंबी वैली परियोजना की नीलामी में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए एक अवमानना याचिका दायर की।
न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह मामला प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को भेजा जाएगा, जो सेबी-सहारा मामले की सुनवाई कर रही है।
शीर्ष अदालत ने 16 अप्रेल को बम्बई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक को सहारा समूह की एंबी वैली संपत्ति का मूल्यांकन और नीलामी करने के लिए कहा था। इसकी मूल्यांकन रिपोर्ट में, परिसमापक ने कहा था कि इसका बाजार मूल्य 37,390 करोड़ रुपए और उचित मूल्य 43,000 करोड़ रुपये है।
बम्बई उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त को इसकी सार्वजनिक नीलामी का आदेश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह द्वारा नीलामी रोकने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी, जिसके तीन दिनों बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
सेबी का दावा है कि सहारा समूह ने अपने ग्राहकों से उसके दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पैसे जुटाए हैं। बार-बार सम्मन के बावजूद साल 2014 के मार्च में अदालत में पेश होने में विफल रहने के बाद सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय को अदालत ने जेल भेज दिया। साल 2016 में रॉय की मां के निधन के बाद उन्हें पैरोल पर रिहा किया गया, जिससे बाद से वह जेल से बाहर हैं।