मुंबई। सेबी का निदेशक मंडल स्टार्टअप के लिए धन जुटाने के मानदंड को आसान बनाए जाने के मामले में विचार कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि सेबी की बैठक में इस आशय का निर्णय लिए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसी क्रम में पता चला है कि विजय माल्या के नेतृत्व वाली यूबी समूह की कंपनियों द्वारा ऋण भुगतान में चूक के बीच पूंजी बाजार नियामक सेबी ने जानबूझकर चूक करने वालों के लिए धन जुटाने पर पूरी तरह रोक लगाने की योजना बनाई है।
गौरतलब है कि शेयर धारकों के रक्षार्थ सेबी अनेक मामलों में सतर्कता बरतते रहता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित पहलों पर सेबी का निदेशक मंडल चर्चा कर सकता है, जिसका लक्ष्य है छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के साथ-साथ पूंजी बाजार को गहरा बनाना, ताकि संस्थानों को नए उत्पाद और आयाम मुहैया कराए जा सकें।
इसके अलावा सेबी वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पिछले महीने पेश आम बजट में घोषित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगा और इसे आगे बढ़ाएगा। बैठक में पूंजी बाजारों में व्यापक सुधार के तौर पर स्टार्टअप के लिए धन जुटाने के मानदंड आसान किए जाने पर चर्चा की जा सकती है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) अधिग्रहण नियम सख्त बनाने के लिए नियम स्पष्ट करेगी ताकि विलय एवं अधिग्रहण में नियंत्रण को परिभाषित किया जा सके। सेबी सूचकांक प्रदाताओं के लिए नए मानदंडों की नई श्रृंखला की घोषणा भी कर सकता है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी समेत प्रमुख शेयर बाजारों के घटकों के बदलाव का नियमन होगा।