मुंबई। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डेढ़ से दो साल में पैसे डबल करने का प्रलोभन देने के नाम पर निवेशकों को करोड़ों का चूना लगाने वाले श्रीसूर्या इंवेस्टमेंट के मालिक समीर जोशी के शेयर बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया है और उसे निवेशकों का पूरा पैसा वायदा अनुसार ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है।
सेबी ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि जोशी ने 31 मार्च 2012तक 1930 निवेशकों से 56.73 करोड़ रूपए की पूंजी जुटाई थी। कंपनी द्वारा चलाई जाने वाली निवेश योजनाओं में 30 माह से 17 माह में पैसे दुगने करने की योजनाएं शामिल थीं। इसके अलावा तीन महीने के निवेश पर छह प्रतिशत और छह महीने के निवेश पर 15 प्रतिशत ब्याज की योजनाएं भी थीं।
नियामक को कई निवेशकों से शिकायतें मिली थी कि जोशी ने 6 हजार निवेशकों से इस तरह की योजनाओं के नाम पर पांच हजार करोड़ से ज्यादा की राशि जुटा ली है, लेकिन अब वह न तो मूलधन लौटा रहा है न ही ब्याज दे रहा है। जांच के दौरान सेबी ने पाया कि वाकई जोशी अप्रत्याशित ब्याज का प्रलोभन देकर लोगों की गाढ़ी कमाई अपने हवाले करता था।
उसने आरोपी को सात दिन के भीतर निवेशकों का पैसा ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया है। नियामक ने कहा है कि वह या तो 10 प्रतिशत का ब्याज दे या जितना उसने वायदा किया है। दोनों में जो भी ज्यादा हो वह ब्याज उसे देना होगा। साथ ही उसके और कंपनी के शेयर बाजार में कारोबार और खातों से पैसे दूसरे खातों में हस्तांतरित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए जोशी को 21 दिन का समय दिया गया है।