नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार से कारोबार के दौरान गलत बुकिंग ऑर्डर देने वाले शेयर ब्रोकरों को दंडित करने के लिए उपयुक्त कार्ययोजना लागू करने का निर्देश दिया है।
सेबी ने गुरुवार को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि शेयर बाजार ऐसे ऑर्डर करने वाले ब्रोकरों को दंडित करने के लिए उपयुक्त कार्ययोजना लागू करें। सर्कुलर के अनुसार ब्रोकरों द्वारा गलत कारोबार को रद्द करने के लिए लगातार किए जाने वाले आवेदनों पर लगाम लगाने के लिए शेयर बाजार स्वत: संज्ञान लेकर उस पर विचार करने के लिए आवश्यक मानदंड तय कर सकते हैं।
सेबी ने कहा कि ब्रोकर कारोबार शुरू होने के 30 मिनट के भीतर इस आशय के आवेदन करेंगे लेकिन शेयर बाजार केवल अपवाद मामलों में आवेदन प्राप्त करने के 30 मिनट बाद विचार कर सकते हैं और यह अवधि 60 मिनट से अधिक नहीं होगी। सर्कुलर में शेयर बाजारों से अगले दिन का कारोबार शुरू होने से पहले गलत कारोबार रद्द करने के आवेदनों की जांच करने को कहा गया है।
साथ ही शेयर बाजार को कारोबार रद्द होने से दूसरे ब्रोकरों और निवेशकों पर पडऩे वाले प्रभाव पर विचार करना होगा। इसके अनुसार शेयर बाजार के गौरव और निवेशकों के हितों का ध्यान रखते हुए कारोबार रद्द करने के कारण एवं शेयर के मूल्य का दोबारा निर्धारण के संबंध में ब्रोकरों से लिखित में लेना अनिवार्य होगा।
सेबी ने कहा कि कारोबार रद्द करने के गलत आवेदनों को हतोत्साहित करने के लिए शेयर बाजार आवेदन में बताए गए कारोबार के मूल्य का पांच प्रतिशत आवेदन शुल्क के रूप में वसूल सकते हैं। यह शुल्क न्यूनतम एक लाख रुपए और अधिकतम 10 लाख रुपए हो सकता है। साथ ही शेयर बाजार शुल्क की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी भी कर सकता है।