नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया। यह सत्र आगामी 13 मई तक चलेगा। राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र का मार्च अंत में सत्रावसान कर दिया था।
कांग्रेस की राज्यसभा की रणनीतिक बैठक सोमवार सुबह 10 बजे हुई। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर विपक्ष के तरफ से हंगामे की आशंका है। विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमला करने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड मामले पर चर्चा के लिए नोटिस दे रखा है।
उधर, केंद्र सरकार ने इस सत्र में लोकसभा में 13 विधेयक और राज्यसभा में 11 विधेयक पारित कराने का लक्ष्य तय किया है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर, रेलवे विनियोग एवं वित्त विधेयकों, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), कारखाना (संशोधन) विधेयक, शत्रु संपत्ति (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक, 2015 पर चर्चा करना एवं पारित करना सरकार के एजेंडे में शामिल है।
बजट सत्र के दूसरे चरण से पहले रविवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें सदस्यों से सत्र को सुचारु रूप से चलाने की अपील की गई। बैठक के बाद सुमित्रा महाजन ने कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं ने सहयोग का आश्वासन दिया है।
कुछ पार्टी के नेता उत्तराखंड में लगे राष्ट्रपति शासन पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन यह मामला अदालत में विचाराधीन है और 27 अप्रैल से पहले इस पर चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के कई इलाकों में सूखे और पानी की समस्या पर भी चर्चा करना चाहती है।
विपक्ष के हंगामे पर मोदी सरकार ने भी संसद में विरोधियों से सीधी टक्कर लेने और कांग्रेस, जनता पार्टी एवं संयुक्त मोर्चा के दौर में राज्यों पर लगाए गए राष्ट्रपति शासन के उदाहरण रखकर जवाब देने का फैसला किया है।