लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार में गहराये आपसी कलह की खबरों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वहां चाचा और भतीजे के बीच काफी देर तक वार्ता हुई।
चर्चा है कि अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच हुई यह बैठक पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए हुई। शिवपाल शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने उनके सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पहुंचे।
वहां दोनों नेताओं के बीच लगभग 45 मिनट तक अति गोपनीय बैठक हुई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री आवास के कर्मचारियों तक को अन्दर आने से मना कर दिया गया था। बैठक के बाद शिवपाल वहां से निकल गये। उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की।
चाचा भतीजे की इस बैठक को लेकर राजधानी के सियासी गलियारे में चर्चा है कि इसमें शिवपाल यादव की शिकायतें दूर करने पर सहमति बनी। दरअसल सपा मुखिया के छोटे भाई शिवपाल इस समय कुछ मंत्रियों और अधिकारियों से नाराज चल रहे हैं। इसीलिए पिछले दिनों उन्होंने इस्तीफे तक की बात कही थी।
शिवपाल के इस बयान के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के नेताओं को जमकर फटकारा था। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुलायम ने यहां तक कह डाला कि शिवपाल ने तीन बार इस्तीफा दिया लेकिन मैंने उसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा था कि यदि शिवपाल चले गये तो सरकार की स्थिति नाजुक हो जाएगी।
चर्चा है कि नाराजगी के कारण ही बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की महत्वपूर्ण बैठक से शिवपाल गैरहाजिर रहे। हालांकि, शिवपाल ने उस समय यह कहा था कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताकर मुरादाबाद गए हुए थे, लेकिन सियासी गलियारे में चर्चा रही कि शिवपाल भतीजे अखिलेश से नाराज हैं इसीलिए कैबिनेट की बैठक में नहीं पहुंचे।
इसके बाद रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल के घर गये और चचेरी बहन अनुभा यादव से राखी बंधवाई। इस रक्षा सूत्र को भी सियासी हलके में आपसी कड़वाहट को कम करने का प्रयास बताया गया था।
कौमी एकता दल के विलय से बढ़ी थीं दूरियां
कैबिनेट मंत्री शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव में दूरियां उस वक्त बढ़ी थीं जब शिवपाल ने कौमी एकता दल का सपा में विलय की घोषणा की थी और मुख्यमंत्री ने उसे नहीं माना।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त तक कर दिया था। हालांकि बाद में बलराम यादव को पुनः कैबिनेट में शामिल किया गया, लेकिन चाचा भतीजे के बीच पैदा हुई खांई धीरे-धीरे बढ़ती गई।
जसवंत नगर सीट भी विवाद का कारण
समाजवादी कुनबे की पारंपरिक विधानसभा सीट जसवंत नगर को भी इस विवाद से जोड़ा जा रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र से पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव चुनाव जीतते रहे। बाद में शिवपाल सिंह यादव ने इसे अभेद्य किला बना दिया।
इस बार शिवपाल वहां से अपने बेटे आदित्य यादव को चुनाव में उतरना चाहते हैं, मगर वह इस बात से बहुत नाराज हैं कि परिवार के ही एक अन्य कद्दावर नेता इसमें अड़ंगेबाजी कर रहे हैं।