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समुद्र से निकलता है वैश्विक शांति का रास्ता : प्रधानमंत्री मोदी - Sabguru News
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समुद्र से निकलता है वैश्विक शांति का रास्ता : प्रधानमंत्री मोदी

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समुद्र से निकलता है वैश्विक शांति का रास्ता : प्रधानमंत्री मोदी
securing oceans oceans critical says pm modi at indian navy's International Fleet Review in Visakhapatnam
securing oceans oceans critical says pm modi at indian navy's International Fleet Review in Visakhapatnam
securing oceans oceans critical says pm modi at indian navy’s International Fleet Review in Visakhapatnam

विशाखापत्तनम। वैश्विक शांति एवं समृद्धि के लिए समुद्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि वर्तमान की आधुनिक चुनौतियों के पैमाने और जटिलताओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री स्थिरता की रक्षा केवल एक ही राष्ट्र नहीं कर सकता। इसके लिए विश्व की सभी नौसेनाओं एवं समुद्री एजेंसियों को एकजुट होकर काम करना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि वसुधैव कुटुम्बकम के संदेश के साथ आगामी अप्रेल माह में भारत पहले वैश्विक सामुद्रिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को आंध्रप्रदेश स्थित विशाखापत्तनम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा समारोह में शामिल हुए।

50 देशों के नौसैनिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें विश्व में शांति, दोस्ती, विश्वास का निर्माण करने और संघर्ष को रोकने के लिए समुद्र का प्रयोग करना चाहिए। महासागरों से आर्थिक लाभ उठाने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि हम समुद्री क्षेत्र में चुनौतियों का सामना किस प्रकार से कर रहे हैं।

महासागर वैश्विक समृद्धि की जीवन रेखाएं हैं। समुद्र हर देश के निर्माण के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करता है I साथ ही वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी समुद्र अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व का 60 प्रतिशत तेल उत्पादन और परिवहन समुद्री मार्गों के माध्यम से ही होता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सामुद्रिक आतंक के खतरे से भारत प्रत्यक्ष रूप से पीड़ित है, जोकि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक खतरा बना हुआ है। वर्तमान की आधुनिक चुनौतियों के पैमाने और जटिलताओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री स्थिरता की रक्षा केवल एक ही राष्ट्र नहीं कर सकता। इसके लिए विश्व की सभी नौसेनाओं एवं समुद्री एजेंसियों को एकजुट होकर काम करना होगा साथ ही विश्व में शांति, दोस्ती, विश्वास का निर्माण करने और संघर्ष को रोकने के लिए समुद्र का प्रयोग करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से ही एक समुद्री राष्ट्र रहा है। प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में भी महासागरों को चतुर्दशानां रत्नानां के भंडार के रूप में देखा गया है। सिंधु घाटी की सभ्यता की शुरूआत से ही भारत ने समुद्री संपर्कों का एक व्यापक नेटवर्क बनाए रखा। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर के क्षेत्र के लिए योजना तैयार करना उनकी प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेड़ा समीक्षा समारोह में हिस्सा ले रहे सभी भारतीय जहाजों में 37 जहाज मेड इन इंडिया के अंतर्गत निर्मित हैं, जिनकी संख्या भविष्य में और बढाई जाएगी। भारतीय तटरक्षक बल में ज्यादा से ज्यादा युवकों की हिस्सेदारी भी हमारी सम्पति है क्योंकि उन्हें महासागरों की स्वाभाविक और गहरी समझ होती है।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना के अभ्यास को देखा और उसकी सराहना की I प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह को सफल बनाने के लिए सभी नौसेनिकों का धन्यवाद भी दिया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समारोह को अपना मजबूत समर्थन देने के लिए उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का भी आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री वकैया नायडू, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धोवन सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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