सूरत। अमरोली थाने में दर्ज राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार आरोपी विपुल देसाई और चिराग देसाई के खिलाफ क्राइम ब्रांच पुलिस ने जांच खत्म कर सोमवार को 18 पन्नों की पूरक चार्जशीट पेश की। इससे पहले पुलिस ने 8 जनवरी को हार्दिक पटेल के खिलाफ 370 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। चार्जशीट के साथ 147 गवाहों के बयान और सीडीआर पुलिस ने साथ में सौंपी थी।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी तीन महीने बाद पुलिस ने मोटा वराछा निवासी विपुल देसाई और चिराग देसाई को गिरतार किया था। दोनों पर राजद्रोह मामले से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप है।
सेशन कोर्ट की ओर से जमानत याचिका नामंजूर होने के बाद से दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। सोमवार को जांच अधिकारी सीएच दहिया ने दोनों के खिलाफ जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट पेश की। पुलिस के मुताबिक यह पूरक चार्जशीट है और 18 पन्नों की है।
चार्जशीट में दोनों आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह मामले में मदद करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि अभियुक्त विपुल देसाई ने आंदोलन के दौरान आत्महत्या करने की घोषणा की थी। उसे मिलने पहुंचे हार्दिक पटेल ने उससे कहा था कि पाटीदार ऐसे नहीं मरते, तेरे में हिमत है तो दो-पांच पुलिसवालों को मार डाल।
पुलिस के खिलाफ का यह भड़काउ बयान वायरल होने के बाद पुलिस आयुक्त ने डिप्टी पुलिस आयुक्त मकरंद चौहाण को जांच सौंपी थी। मकरंद चौहाण ने जांच खत्म कर 18 अक्टूबर को अमरोली थाने में हार्दिक पटेल को नामजद करते हुए राजद्रोह की प्राथमिकी दर्ज करवाई थी और 19 अक्टूबर को राजकोट से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 7 जनवरी को पुलिस ने इसी मामले में विपुल देसाई और चिराग देसाई की गिरतारी की थी।
राजद्रोह मामले में हार्दिक पटेल कोर्ट में पेश
राजद्रोह के आरोप में न्यायिक हिरासत में कैद पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के समन्वयक हार्दिक पटेल को सोमवार को कोर्ट मुद्दत पर कोर्ट में पेश किया गया। सोमवार को जेल प्रशासन की ओर से दायर जेल ट्रान्सफर की याचिका पर भी सुनवाई थी, लेकिन जेल अधिकारी कोर्ट में हाजिर नहीं रहने के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 अप्रेल का दिन नियत कर दिया।