कानपुर। सेल्फी लेने का क्रेज इतना बढ़ गया कि लोग अपनी जान का भी परवाह नहीं करते और ट्रेन के आगे नहर में या फिर नदी के तट पर जाकर फोटों खिचवाते है और जरा सी लापरवाही के चलते वह मौत के आगोश में आ जाते है।
ऐसा ही कुछ कानपुर के गंगा बैराज में देखने को मिला। नदी के किनारे सेल्फी लेने के दौरान दस छात्र नदी के बहाव में डूब गये। गोताखोरों की कड़ी मेहनत के बाद तीन जिंदा व सात शवों को बाहर निकाला। मामले की जानकारी पर एडीएम सिटी, एसीएम, एसपी समेत कई आलाधिकारी मौके पर पहुंचे।
कोहना थाना क्षेत्र स्थित गंगा बैराज गेट नंबर के पास पत्थर के पास यह सारे दोस्त बैठे हुए थे। प्रत्यक्षद्रशियों के अनुसार इन दोस्तों में से एक अपने मोबाइल से सेल्फी फोटो खिचने लगा। इसी दौरान उसका पैर चिकना पत्थर होने के चलते फिसल गया और वह पानी के बहाव में आ गया।
उसकी चीख-पुकार सुनते हुए एक दोस्त उसे बचाने के लिए दौड़ा, जैसे ही डूब रहे साथी को बचाने के लिए हाथ पकड़ा तो वह भी उसके साथ पानी में जा पहुंचा। देखते ही देखते दस दोस्त बारी-बारी से पानी जा गिरे और डूब गए। साथियों को नदी में डूबता देखकर दोस्तों को कपड़ा देख एक दोस्त मदद के लिए चिल्लाने लगा।
शोर शराबा सुनकर राहगीर पहुंचे। उन्होंने फौरन पुलिस को सूचना देते हुए गंगा के किनारे बैठे गोताखोर को दी। गोताखोर निसार अपनी टीम के साथ पहुंचा और नदी में डूबे युवकों को बचाने का प्रयास शुरु कर दिया। इधर देखते ही देखते लोगों की भीड़ इकटठा हो गई और अफरा-तफरी मच गई।
घटना की जानकारी होने पर डीएम सिटी अविनाश सिंह, एसीएम, एसपी सचिन्द्र कुमार, सीओ कर्नलगंज छह थानों की सर्किल फोर्स घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से सात शवों को बाहर निकाला। जबकि तीन युवकों को गोताखोरों ने जिंदा बचााया।
इनके निकाले शव
गोताखोरो ने कड़ी मेहनत के साथ विनोवानगर निवासी सचिन गुप्ता व दो सगे भाई सत्यम व शिवम दोस्त संदीप, रोहित सैनी, गोलू, मकसूद सात दोस्तों के शव निकाले। आनन-फानन में पुलिस कर्मियों ने घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने शवों को सीलकर फौरन पोस्टमार्टम भेज दिया।
गोताखोरों ने बचाया इनकी जान
कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने नदी में डूबे अर्जून, श्रीराम, विनय तिवारी को बचाते हुए आनन-फानन में इलाज के लिए हैलट अस्पताल में भर्ती कराया है।
शव की तलाश में लगे 21 गोताखोर
गंगा बैराज में आठ युवकों के डूबने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन से एडीएम सिटी अविनाश सिंह पहंुचे। उन्होंने गोताखोरों के हेड निसार से बातचीत की तो उसने बताया कि हमारी 11 सदस्यों की टीम करीब एक बजे से तीन बजे तक नहर में डूबे शवों को तलाशते हुए छह शवों को बाहर निकाला है, जबकि एक डूबे सत्यम के शव की तलाश में जुटे हुए। एडीएम ने मामले को गंभीरता से देखते उन्नाव से दस गोताखोरों को बुलाया और शव की तलाश करवाई।
नहीं पहुंची जल पुलिस
नदी में डूबे युवकों की घटना पर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे गए। लेकिन मामले की जानकारी होने पर जल पुलिस मोती को छोड़कर कोई भी जल पुलिस का कोई अफसर व कर्मी नहीं पहुंचा।
गोताखोरों ने बहाया पसीना
घटना करीब 12:30 पर हुआ और जानकारी पर पहुंचे गोताखोर निसार व उनकी टीम ने पांच घंटे कड़ी मेहनत की जिसके बाद उन्होंने करीब छह शवों को निकाला एक शव को न मिलने के बाद भी निसार व उनकी टीम लगी रही। इस मामले में जब निसार से पूछा तो उन्होंने बताया कि वे और उनके पुर्वज इस बैराज में करीब हजारों की जान बचा चुके है। लेकिन उन्हें जिला प्रशासन व पुलिस से कोई धनराशि नहीं मिलती है अगर जो पीड़ित परिवार के लोग देते उसी से हमारा व परिवार का गुजर बसर होता है।